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Thursday, April 25, 2024

अमेजन कर्मियों ने कहा- शौचालय जाने पर भी किए जाते हैं रोबोट से भी बुरा व्यवहार

ऑनलाइन खुदरा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी अमेजन के कर्मचारियों ने वेतन के मसले पर ब्रिटेन में हड़ताल की है। इस बीच कुछ कर्मियों ने ‘गंभीर’ परिस्थितियों में काम करने की अपनी पीड़ा साझा की है जिसमें चौंकाने वाले दावे किए गए हैं। कुछ कर्मियों के अनुसार उनके शौचालय ब्रेक के लिए भी समय तय कर दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स में इंग्लैंड में कंपनी के कोवेंट्री गोदाम के श्रमिकों के हवाले से यह बात कही गई है। कर्मियों ने कहा है कि उन पर लगातार नजर रखी जाती है।

ब्रिटेन के सामान्य व्यापार निकाय जीएमबी से जुड़े दो कर्मचारियों ने बीबीसी को बताया कि अमेजन ग्रेट परफॉर्मेंस को पहचानने के लिए एक तंत्र का उपयोग करता है। बीबीसी ने डैरेन वेस्टवुड और गारफील्ड हिल्टन के हवाले से कहा कि प्रबंधक श्रमिकों के शौचालय जाने पर भी सवाल उठा सकते हैं। उनमें से एक ने दावा किया, “गोदाम में रोबोट के साथ हमसे बेहतर व्यवहार किया जाता है।”

हिल्टन ने कहा, “हड़ताल का कारण यह है कि वे यह जानना चाहते हैं कि हैं आखिरी ऐसा क्यों है? मधुमेह रोगी होने के नाते उन्होंने कहा कि गोदाम परिसर के करीब शौचालय ढूंढना आसान नहीं है और इस प्रक्रिया में लगभग 15 मिनट लग सकते हैं। लेकिन इतने समय में प्रबंधक नाराज होकर सवाल करने लगते हैं कि, “आप क्या कर रहे थे?” यदि कुछ मिनटों की देरी हो जाए तो पर्यवेक्षक इसे सिस्टम पर देख सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि वे श्रमिकों के प्रदर्शन पर के साथ “वस्तुओं को स्कैन करने में खर्च नहीं होने वाले हर समय पर नजर रखते हैं।

इस मामले में अमेजन के एक प्रवक्ता ने बीबीसी को बताया, “प्रदर्शन केवल तभी मापा जाता है जब कोई कर्मचारी अपने स्टेशन पर होता है और अपना काम करने के लिए लॉग इन करता है। यदि कोई कर्मचारी लॉग आउट करता है, जो वे किसी भी समय कर सकते हैं, तो प्रदर्शन प्रबंधन उपकरण को रोक दिया जाता है”। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी कर्मचारियों को प्रदर्शन लक्ष्य प्राप्त करने में मदद करने के लिए कोचिंग प्रैक्टिस को प्रोत्साहित करती है।

यह दावा ऐसे समय में आया है जब बुधवार को कुल 1500 कर्मचारियों में से 300 कर्मचारी ‘अपमानजनक’ वेतन का विरोध करते हुए ब्रिटेन के कोवेंट्री गोदाम से बाहर चले गए। संस्थापक जेफ बेजोस की अरबों की संपत्ति की ओर इशारा करते हुए वेस्टवुड ने कहा, “हम उनकी नाव या उनके रॉकेट नहीं चाहते हैं, हम सिर्फ जीवनयापन में सक्षम होना चाहते हैं। श्रमिकों ने दावा किया कि उनमें से कुछ को हफ्ते में 60 घंटे तक काम करने को मजबूर किया गया। बता दें कि ब्रिटेन इन दिनों 41 साल में सबसे अधिक महंगाई के दौरान से गुजर रहा है।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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