अंबेडकरनगर, 26 जून 2025: उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष रिंकल सिंह ने स्थानीय पुलिस पर पक्षपात और प्रताड़ना का गंभीर आरोप लगाया है। बुधवार को लोहिया भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान रिंकल सिंह राज्यसभा सांसद बृजलाल के सामने फूट-फूटकर रो पड़ीं और उनके पैरों पर गिरकर न्याय की गुहार लगाई। उन्होंने कहा, “भैया, मुझे न्याय दिला दो, मेरे साथ नाइंसाफी हो रही है।”
रिंकल सिंह का आरोप है कि कुछ दिन पहले जैतूपुर गांव में दीपक सिंह, अवनीश सिंह और राजन सिंह ने उन पर और उनके पति संजय सिंह पर हमला किया था। इस घटना के बाद उन्होंने महरुआ थाने में शिकायत दर्ज की, लेकिन पुलिस ने अब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की। रिंकल ने पुलिस पर आरोपियों को संरक्षण देने और उनके खिलाफ कार्रवाई न करने का इल्ज़ाम लगाया। इसके विरोध में वह अपने पति और समर्थकों के साथ सोमवार को सात घंटे तक थाने के बाहर धरने पर बैठी थीं। मंगलवार को भी धरना जारी रखने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें थाने से उठाकर घर पहुंचा दिया, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।
लोहिया भवन में आयोजित आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर ‘काला दिवस’ कार्यक्रम के दौरान रिंकल सिंह अपने बच्चों के साथ धरने पर बैठी थीं। वहां पहुंचकर उन्होंने मंच पर सांसद बृजलाल से न्याय की मांग की और पुलिस के साथ-साथ कुछ बीजेपी पदाधिकारियों पर भी मिलीभगत का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि उनके पास एक वीडियो है, जिसमें सीओ भीटी लक्ष्मीकांत मिश्रा उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दे रहे हैं। रिंकल ने पुलिस पर उन्हें झूठे केस में फंसाने की साजिश रचने का भी आरोप लगाया।
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें रिंकल सिंह को सांसद से लिखित आश्वासन मांगते और इंस्पेक्टर श्रीनिवास से बहस करते देखा जा सकता है। उन्होंने मंच से बीजेपी नेताओं को चेतावनी दी कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला तो वह इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। सांसद बृजलाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए थानाध्यक्ष से बात करने और जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
पुलिस अधीक्षक (पश्चिमी) हरेंद्र कुमार ने कहा कि रिंकल सिंह की शिकायत पर दर्ज मुकदमे की जांच चल रही है और एक आरोपी का चालान हो चुका है। सीओ पर लगे आरोपों की जांच के लिए भी निर्देश दिए गए हैं। पुलिस का दावा है कि वह निष्पक्ष ढंग से कार्रवाई कर रही है।
इस घटना ने स्थानीय स्तर पर सियासी हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने इसे बीजेपी शासित प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाने का मौका बना लिया है। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने रिंकल सिंह के समर्थन में पोस्ट किए, जिसमें सवाल उठाया गया कि जब सत्तारूढ़ पार्टी की पदाधिकारी को ही न्याय के लिए इस तरह सड़कों पर उतरना पड़ रहा है, तो आम जनता की स्थिति क्या होगी।
इस मामले में बीजेपी के जिला संगठन ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। सांसद बृजलाल ने मीडिया से कहा कि वह पूरे मामले की जानकारी ले रहे हैं और उचित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। इस घटनाक्रम पर आगे क्या कदम उठाए जाते हैं, इस पर जिले की नजरें टिकी हैं।