नई दिल्ली, 2 नवंबर 2024, शनिवार: भारतीय वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड में एक नया ग्रह खोज निकाला है, जो पृथ्वी जैसा रहने लायक हो सकता है। इस ग्रह को TOI-6651b नाम दिया गया है और यह पृथ्वी से लगभग पांच गुना बड़ा है। इसका सूर्य हमारे सूर्य से मिलता-जुलता है और इसका द्रव्यमान पृथ्वी से लगभग 60 गुना ज्यादा है।
यह खोज वैश्विक अंतरिक्ष रिसर्च में भारत के बढ़ते योगदान को दर्शाती है और ग्रह निर्माण के बारे में वैज्ञानिकों की मौजूदा सोच और सिद्धातों को चुनौती देती है। टीओआई-6651बी का बारीकी से अध्ययन करके, वैज्ञानिक ग्रह प्रणालियों को आकार देने वाली जटिलता को जानने की कोशिश करेंगे। भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल) के शोधकर्ताओं ने इस ऐतिहासिक खोज के बाद नए ग्रह को टीओआई-6651बी नाम दिया है। यह ग्रह पृथ्वी से लगभग पांच गुना बड़ा है और इसका सूर्य हमारे सूर्य से मिलता-जुलता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसका द्रव्यमान पृथ्वी से लगभग 60 गुना ज्यादा है।
ब्रह्मांड के जिस क्षेत्र में इस ग्रह की खोज की गई, उसे वैज्ञानिक अपनी भाषा में नेप्यूनियन रेगिस्तान कहते हैं। उस क्षेत्र में ऐसे किसी भी ग्रह का मिलना दुर्लभ है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह खोज इसलिए भी हैरान कर देने वाली है क्योंकि इस क्षेत्र में आमतौर पर इस आकार के ग्रह का अस्तित्व नहीं। टीओआई-6651बी नामक अनोखा ग्रह है, जिसका पृथ्वी के द्रव्यमान का लगभग 60 गुना ज्यादा है तथा इसका आकार पृथ्वी से लगभग पांच गुना अधिक है। खगोलशास्त्री ब्रह्मांड में जिस एरिया को “नेप्च्यूनियन रेगिस्तान” कहते हैं, वहां इस ग्रह की खोज हुई है। यह खोज इसलिए भी हैरान कर देने वाली है क्योंकि इस क्षेत्र में आमतौर पर इस आकार के ग्रह का अस्तित्व नहीं।
टीओआई-6651बी की खोज ने वैज्ञानिकों की उत्सुकता इसलिए भी बढ़ा दी है, क्योंकि इसके अध्ययन से ग्रहों के निर्माण और विकास के बारे में काफी जानकारी मिल सकती है। क्या है नेपच्यूनियन रेगिस्तान यह ब्रह्मांड में ऐसा रहस्यमय क्षेत्र है जहां इस द्रव्यमान के बहुत कम ग्रह मौजूद हैं, इसलिए यह खोज यह पता लगाने का एक दुर्लभ अवसर है कि ऐसे ग्रह आमतौर पर वहां क्यों नहीं हैं और जो है वो किन परिस्थितियों में बना है। यह ग्रह अपने सूर्य टीओआई-6651 की परिक्रमा 5.06 दिन क