श्रीनगर, 5 अगस्त 2025: पवित्र अमरनाथ यात्रा को इस बार निर्धारित समय से 10 दिन पहले ही बंद करने का सरकार का फैसला चर्चा का विषय बन गया है। अधिकारियों ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए यह कदम उठाया है, लेकिन तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों में इसे लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।
लोगों का कहना है कि अगर सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रण में है, तो यात्रा को समय से पहले क्यों रोका गया? एक समय था जब आतंकवाद अपने चरम पर था, तब भी अमरनाथ यात्रा 65 दिनों तक निर्बाध रूप से चला करती थी। ऐसे में इस बार यात्रा को अचानक बंद करने का निर्णय कई लोगों को समझ नहीं आ रहा।
इसके अलावा, एक अन्य महत्वपूर्ण कारण सामने आया है। अमरनाथ गुफा में हर साल बनने वाला प्राकृतिक शिवलिंग इस बार पूरी तरह लुप्त हो चुका है। जानकारों का मानना है कि गुफा तक सड़क निर्माण और भारी मशीनों के उपयोग ने वहां के प्राकृतिक पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। पहले ठंडा रहने वाला मौसम अब गर्म हो गया है, और गुफा के आसपास बर्फ का नामोनिशान तक नहीं बचा।
स्थानीय लोग और तीर्थयात्री सरकार पर धार्मिक यात्राओं को केवल आर्थिक लाभ के लिए बढ़ावा देने का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि पर्यावरण की अनदेखी और अव्यवस्थित निर्माण कार्यों ने इस पवित्र स्थल की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। सरकार ने अभी तक इन सवालों पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन इस मुद्दे पर बहस तेज हो रही है।
तीर्थयात्रियों ने मांग की है कि सरकार इस मामले की गहन जांच करे और भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए ठोस कदम उठाए।