मुजफ्फरनगर, 24 जून 2025: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर एक्ट के दुरुपयोग को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए मुजफ्फरनगर के जिला मजिस्ट्रेट (DM) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) को 7 जुलाई को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, खालापार थाना प्रभारी (SHO) को भी तलब किया गया है।
हाईकोर्ट ने अपनी तल्ख टिप्पणी में कहा, “यह कृत्य न केवल खालापार थाना, मुजफ्फरनगर के SHO की मनमानी को दर्शाता है, बल्कि SSP और DM, मुजफ्फरनगर की ओर से भी घोर लापरवाही को उजागर करता है।” कोर्ट ने जोर देकर कहा कि यू.पी. गैंगस्टर्स और असामाजिक क्रियाकलाप (रोकथाम) नियम, 2021 के नियम 5(3)(ए) के तहत संयुक्त बैठक आयोजित करते समय अधिकारियों को अपने विवेक का उपयोग करना चाहिए।
हाईकोर्ट का यह आदेश गैंगस्टर एक्ट के कथित दुरुपयोग से संबंधित एक मामले की सुनवाई के दौरान आया। कोर्ट ने अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए उन्हें 7 जुलाई को जवाब देने के लिए हाजिर होने का निर्देश दिया। इस मामले में आगे की सुनवाई अब उक्त तिथि पर होगी।
यह घटनाक्रम जिले के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के लिए एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है, जो नियमों के पालन में लापरवाही बरत रहे हैं।