वाराणसी, 31 अक्टूबर 2024, गुरुवार। काशी में हिंदी की शुद्धता कायम रखने के लिए एक अनोखा प्रयास किया गया। नागरी प्रचारिणी सभा, जो 131 साल पुरानी संस्था है, ने दीपावली पर अक्षरदीप जलाए गए। यह प्रयास भारत में अपनी तरह का पहला है और इसका उद्देश्य हिंदी भाषा की महत्ता को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर, प्रचारिणी सभा के प्रधानमंत्री व्योमेश शुक्ल ने कहा कि हिंदी की शुद्धता कायम रखना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हिंदी को समर्पित यह दीपयज्ञ हमें अपनी मातृभाषा के प्रति जागरूक करता है।
राम शक्ति पूजा की कलाकार नंदिनी ने कहा कि दीपोत्सव में अक्षर दीप प्रज्वलित करना एक अनोखा और अर्थपूर्ण कार्यक्रम है। यह हिंदी भाषा की महत्ता को बढ़ावा देने और इसकी शुद्धता को बनाए रखने के लिए किया गया है। नागरी प्रचारिणी सभा जैसी संस्थाएं की ओर से अक्षर दीप प्रज्वलित करने का एकमात्र उद्देश्य, हिंदी भाषा के प्रति जागरूकता को फैलाना हैं। यह कार्यक्रम न केवल हिंदी भाषा को समर्पित है, बल्कि यह हमें अपनी मातृभाषा के प्रति गर्व और सम्मान की भावना भी जगाता है।
काशी के प्रख्यात साहित्यकार, गीतकार एवं वरिष्ठ पत्रकार अरविंद मिश्र ‘हर्ष’ ने बताया कि दीपोत्सव में अक्षर दीप प्रज्वलित करने से हमें हिंदी भाषा की महत्ता को समझने और इसकी संरक्षण के लिए प्रेरित किया जाता है। यह एक अच्छा प्रयास है जो हमें अपनी संस्कृति और भाषा के प्रति जुड़ने का अवसर प्रदान करता है। इस आयोजन में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी में रहने वाले भारतीयों ने भी वीडियो कॉलिंग के जरिये भाग लिया और उन्होंने अगले वर्ष से दीपावली पर हिंदी हित के लिए इन देशों में भी अक्षरदीप प्रज्जवलित करने का संकल्प किया। हिंदी वर्णमाला के स्वरों और व्यंजनों का दीपांकन स्वाति विश्वकर्मा, नंदिनी, तापस, आकाश, विनायक, रामअवध मिश्र, बृजेश पांडेय, प्रतीक शर्मा, सौरभ चक्रवर्ती, मनोज पोद्दार, विशाल चतुर्वेदी, चंद्रप्रकाश पांडेय, शिव प्रसाद, गौतम झा, ऋषिका चौबे और केपी शर्मा रहे।