वाराणसी, 22 मई 2025, गुरुवार। वाराणसी के मशहूर संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्रा के घर हुई चोरी और उसके बाद पुलिस के ‘हॉफ-इनकाउंटर’ ने न केवल शहर में हलचल मचाई, बल्कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के तीखे तंज ने इसे सियासी रंग दे दिया। इस घटना के वायरल वीडियो पर अखिलेश ने मजाकिया अंदाज में सवाल उठाए, जिसने पुलिस महकमे में खलबली मचा दी। उनके ट्वीट ने न सिर्फ एनकाउंटर की सत्यता पर सवाल खड़े किए, बल्कि इसे ‘फिल्मी शूटिंग’ करार देकर हंगामा खड़ा कर दिया।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, संकट मोचन मंदिर के महंत के घर उनके नौकरों ने चोरी की सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया। महंत अपनी पत्नी का इलाज कराने दिल्ली गए थे, तभी बदमाशों ने दो करोड़ से ज्यादा के जेवरात और तीन लाख की नकदी पर हाथ साफ कर लिया। वाराणसी पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और तीन बदमाशों को मुठभेड़ में पकड़ा, जिसमें उनके पैर में गोली लगी। बाकी तीन को दौड़ाकर धर दबोचा गया। पुलिस ने इनसे चोरी का माल, नकदी, तमंचा और कारतूस बरामद किए। लेकिन इस मुठभेड़ का वीडियो, जिसे पुलिस ने ‘फिल्मी अंदाज’ में पेश किया, वायरल हो गया। यहीं से शुरू हुआ अखिलेश का तंजबाजी का खेल!
अखिलेश का व्यंग्य: फिल्म सिटी या बनारस की शूटिंग?
अखिलेश यादव ने इस वीडियो पर चुटकी लेते हुए ट्वीट किया, “बनारस का हॉफ-एनकाउंटर देखकर जनता पूछ रही है, सरकार फिल्म सिटी नोएडा में बना रही है और शूटिंग बनारस में कर रही है? ये क्या मामला है?” उन्होंने मजाकिया लहजे में आगे कहा, “माना कि ये एनकाउंटर ‘हॉफ’ था, लेकिन उम्मीद है कि महंत जी का ‘पुश्तैनी धन’ फुल रिटर्न होगा। पुलिस इसमें से ‘प्रतिशत’ नहीं काटेगी।” अखिलेश ने इशारों-इशारों में भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए तंज कसा कि शायद इस बरामदगी से उन “विशेष कृपा प्राप्त” अधिकारियों को भी राहत मिली होगी, जिनका “भ्रष्टकोष का खजाना” पहले चोरी का शिकार हुआ था।
पुलिस में खलबली, सपा कार्यकर्ताओं में जोश
अखिलेश के इस ट्वीट ने पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया। सपा कार्यकर्ता इसे सोशल मीडिया पर जमकर शेयर कर रहे हैं, और एनकाउंटर की सत्यता पर सवाल उठ रहे हैं। अखिलेश ने भले ही किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके तंज ने सियासी गलियारों में बहस छेड़ दी। क्या यह एनकाउंटर वाकई फिल्मी स्क्रिप्ट थी? या फिर पुलिस की कार्रवाई पर सियासी रंग चढ़ाया जा रहा है?
क्या कहती है जनता?
अखिलेश के इस बयान ने जनता के बीच भी चर्चा का माहौल बना दिया। कुछ लोग इसे पुलिस की बहादुरी का सबूत मान रहे हैं, तो कुछ इसे ‘स्क्रिप्टेड ड्रामा’ बता रहे हैं। सवाल यह है कि क्या महंत के घर चोरी हुआ माल वाकई ‘फुल रिटर्न’ होगा, जैसा अखिलेश ने तंज कसा? या फिर यह मामला सियासत की भेंट चढ़ जाएगा?
वाराणसी का यह ‘हॉफ-इनकाउंटर’ अब सिर्फ एक पुलिस कार्रवाई नहीं, बल्कि सियासी तंज और सोशल मीडिया की सुर्खियों का हिस्सा बन चुका है। अखिलेश का यह व्यंग्य न केवल पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाता है, बल्कि सरकार को भी कटघरे में खड़ा करता है। अब देखना यह है कि इस ‘फिल्मी शूटिंग’ का क्लाइमेक्स क्या होगा—’पुश्तैनी धन’ की वापसी या सियासी ड्रामे का नया अध्याय?