वाराणसी, 19 नवंबर 2024, मंगलवार: अखिलेश यादव ने नमामि गंगे और स्वच्छ गंगा अभियान पर बीजेपी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में अरबों रुपये का फंड लिया गया, लेकिन गंगा के घाट तक नहीं पहुंचा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी वाराणसी में गंगा के पानी की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। अखिलेश यादव ने कहा, “जिन्होंने मां गंगा से झूठ बोला, उनके वादों पर न जाएं। ‘नमामि गंगे’ और ‘स्वच्छ गंगा’ के नाम पर बीजेपी सरकार में पिछले 10 वर्षों में अरबों रुपयों के फंड निकाले तो गये पर वो फंड मां गंगा के घाट तक नहीं पहुंचे”।
अखिलेश यादव ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि गंगा के स्वच्छ, अविरल और निर्मल होने के दावे खोखले हैं। वाराणसी में गंगा का पानी इतना दूषित हो चुका है कि पीने योग्य तो छोड़ दें, नहाने-स्नान के लायक भी नहीं है। उन्होंने नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल की टिप्पणी का हवाला दिया, जिसमें वाराणसी के जिलाधिकारी से पूछा गया था कि क्या वे गंगाजल पी सकते हैं?
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल की सलाह भी बीजेपी सरकार के लिए चुल्लू भर पानी में डूबने के बराबर है कि वे गंगा किनारे एक चेतावनी भरा बोर्ड लगवा दें कि यह पानी पीने-नहाने योग्य नहीं है। उन्होंने कहा कि यह निंदनीय और शर्मनाक है और बीजेपी को काशी की जरूरत नहीं है। वाराणसी में गंगा और सहायक नदियों के जीर्णोद्धार पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल ने सख्त रुख दिखाया है और अखिलेश यादव ने इसे लेकर बीजेपी पर हमला किया है।