लखनऊ, 10 जून 2025, मंगलवार: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक ट्वीट के जरिए महाकुंभ में हुई मृत्युओं और मुआवजे के वितरण को लेकर सनसनीखेज सवाल उठाए हैं। उनके ट्वीट ने न केवल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि मुआवजे के नकद वितरण और मृत्यु के कारणों को बदलने के कथित दबाव को लेकर भी गंभीर आरोप लगाए हैं।
ट्वीट में क्या कहा?
अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, “तथ्य बनाम सत्य: 37 बनाम 82″। उन्होंने बीजेपी पर झूठे आंकड़े पेश करने और सदन में असत्य बोलने का आरोप लगाया। ट्वीट में उन्होंने महाकुंभ के दौरान हुई मृत्युओं के मुआवजे को लेकर कई तीखे सवाल उठाए, जिनमें नकद राशि के स्रोत, वितरण के नियम, और अनियमितता की संभावना शामिल हैं।
उन्होंने पूछा:
- मुआवजे की राशि नकद क्यों दी गई?
- यह नकदी कहां से आई?
- जिन लोगों को नकदी नहीं मिली, वह राशि किसके पास गई?
- नकद वितरण का निर्णय किस नियम के तहत हुआ और किसके आदेश पर?
- क्या वितरण में कोई अनियमितता हुई?
- मृत्यु के कारण बदलने का दबाव किसके कहने पर बनाया गया?
“सत्य की खोज का आरंभ”
अखिलेश ने अपने ट्वीट में इसे महाकुंभ मृत्यु और मुआवजे से जुड़े “महासत्य” की खोज का आरंभ बताया। उन्होंने कहा कि सत्य के सामने झूठ की परतें खुलती जाएंगी और कोई भी सूचना-प्रबंधन सच्चाई को दबा नहीं सकता। उन्होंने बीजेपी और उनके समर्थकों से आत्म-मंथन करने की अपील की, यह कहते हुए कि जो लोग मृत्यु जैसे संवेदनशील मुद्दे पर झूठ बोल सकते हैं, उनका विश्वास भी अविश्वसनीय है।
राजनीतिक हलचल तेज
इस ट्वीट के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल मच गई है। विपक्षी दलों ने अखिलेश के सवालों का समर्थन करते हुए सरकार से जवाब मांगा है, जबकि बीजेपी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुद्दा विधानसभा के आगामी सत्र में बड़ा रूप ले सकता है।