लखनऊ,14 नवंबर 2024, गुरुवार। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के फैसले के खिलाफ छात्र-छात्राओं का आंदोलन चौथे दिन भी जारी है। छात्रों का कहना है कि आयोग का यह फैसला उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है। विरोधी पार्टियों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि यह फैसला छात्रों के हित में नहीं है और सरकार को इसे वापस लेना चाहिए। दरसल, छात्रों का कहना है कि आयोग का यह फैसला उनके भविष्य के लिए खतरनाक है और उन्हें अपने अधिकारों के लिए लड़ना पड़ रहा है। विरोधी पार्टियों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है और छात्रों के समर्थन में उतर आई हैं।
अखिलेश यादव ने हाल ही में एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने भाजपा सरकार को छात्रों के आंदोलन के मुद्दे पर घेरा है। उन्होंने कहा है कि अगर भाजपा केवल चुनाव का गणित समझती है, तो उन्हें यह समझना चाहिए कि प्रतियोगी छात्रों और उनके परिवार के लोगों की संख्या लगभग 1 करोड़ है। अखिलेश ने आगे कहा है कि अगर इस संख्या को 400 विधानसभा सीटों से भाग दिया जाए, तो भाजपा के लगभग 25,000 वोट हर विधानसभा सीट पर कम होंगे। इससे भाजपा की स्थिति दहाई के अंक में सिमट जाएगी।
उन्होंने सरकार से अपील की है कि वह छात्रों की लोकतांत्रिक और जायज मांग को पूरा करे और अत्याचार बंद करे। अखिलेश का यह ट्वीट छात्रों के आंदोलन के समर्थन में आया है, जो अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि भाजपा को जनाक्रोश से डरकर अंत में बात मानने पर मजबूर होने की आदत हो गई है। उन्होंने कहा कि जब भाजपा सरकार के सारे हिंसक तरीके नाकाम हो जाते हैं और उसकी नौकरी विरोधी नकारात्मक राजनीति फेल हो जाती है, तब वो बात मानती है।
बता दें, उत्तर प्रदेश में प्रतियोगी छात्रों का आंदोलन जारी है, जो आयोग के हाल के फैसले के खिलाफ विरोध कर रहे हैं। आयोग ने पीएसएस, आरओ और एआरओ की भर्ती परीक्षा दो दिन में लेने और उसके नंबर में नॉर्मलाइजेशन करने का फैसला लिया है, जिसके खिलाफ छात्र विरोध कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि नॉर्मलाइजेशन के रास्ते पिछले दरवाजे से भर्ती की जाएगी और यह उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है। वे दूसरे राज्यों में एक ही दिन में परीक्षा होने का भी हवाला दे रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि एक शिफ्ट में परीक्षा ली जाए जिससे नॉर्मलाइजेशन करने की नौबत न आए।