लखनऊ, 14 अगस्त 2025: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कौशांबी की चायल सीट से विधायक पूजा पाल को पार्टी से बर्खास्त कर दिया। पूजा पाल ने विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए माफिया अतीक अहमद को “मिट्टी में मिलाने” का श्रेय दिया था। इस बयान के महज आठ घंटे बाद ही सपा ने उन्हें पार्टी से निष्कासित करने का फैसला सुना दिया।
विधानसभा में पूजा का बयान बना विवाद की वजह
पूजा पाल ने विधानसभा में भावुक भाषण देते हुए कहा, “मैंने अपने पति को खोया, सब जानते हैं कि उनकी हत्या कैसे और किसने की। मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देती हूं, जिन्होंने मुझे न्याय दिलाया। जब कोई मेरी बात नहीं सुन रहा था, तब उन्होंने सुना। उनकी जीरो टॉलरेंस नीति ने अतीक जैसे अपराधियों को मिट्टी में मिलाया। मैं इस नीति का समर्थन करती हूं।” पूजा ने आगे कहा कि योगी के नेतृत्व में प्रयागराज की कई महिलाओं को न्याय मिला और अपराधियों को सजा दी गई। इस बयान को सपा नेतृत्व ने पार्टी लाइन के खिलाफ माना, जिसके बाद त्वरित कार्रवाई की गई।
कौन हैं पूजा पाल?
प्रयागराज के कटघर मोहल्ले की रहने वाली पूजा पाल की शादी 2005 में बसपा विधायक राजू पाल से हुई थी। शादी के नौ दिन बाद ही राजू पाल की हत्या कर दी गई, जिसमें माफिया अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ का नाम सामने आया। पति की हत्या के बाद पूजा ने हिम्मत नहीं हारी और न्याय की लड़ाई लड़ी। 2007 और 2012 में बसपा के टिकट पर शहर पश्चिमी सीट से विधायक चुनी गईं। 2017 में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन 2022 में सपा के टिकट पर चायल सीट से जीत हासिल की।
सपा का कड़ा रुख
अखिलेश यादव ने पूजा के बयान को पार्टी के खिलाफ माना और तत्काल उन्हें निष्कासित करने का आदेश जारी किया। सपा सूत्रों का कहना है कि योगी सरकार की तारीफ को पार्टी ने अनुशासनहीनता माना। इस घटना ने सपा के भीतर नए सियासी समीकरणों को जन्म दे दिया है। पूजा पाल की ओर से अभी इस निष्कासन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।