नई दिल्ली, 4 फरवरी 2025, मंगलवार। संसद का बजट सत्र चल रहा है। लोकसभा में मंगलवार को सपा सुप्रीमो और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव जमकर गरजे। इस दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संसद में महाकुंभ हादसे को लेकर सरकार को घेरा। सपा अध्यक्ष ने कहा, महाकुंभ में मृतकों का आंकड़ा जारी किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि संसद में मृतकों के लिए लिए 2 मिनट का मौन रखा जाए दो मिनट मैं खड़े होकर कुंभ में मारे गए लोगों के लिए मौन रखुंगा। अखिलेश यादव ने महाकुंभ हादसे पर एक से बढ़कर एक आरोप सीएम योगी आदित्यनाथ पर लगा दी। इसके साथ ही यादव ने यूपी में जाति जनगणना, मेट्रो, एक्सप्रेसवे और राज्य में पिछले साल 40 लाख करोड़ रुपये निवेश के एमओयू को लेकर भी सीएम योगी पर तंज कसा। सीएम योगी ने तुरंत ही अखिलेश पर सनतन विरोधी बोल दिया। महाकुंभ के पहले ही दिन से साजिश रची जा रही है।
दूसरी ओर, अखिलेश यादव ने कहा, सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए। अखिलेश यादव ने संसद में यूपी की योगी सरकार को घेरते हुए कहा, प्रचार किया गया कि 100 करोड़ की तैयारी हमने की हुई है, अगर सरकार मेरी बात को झूठा करार दे और बता दें कि 100 करोड़ लोगों की व्यवस्था की बात नहीं की गई थी, तो मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं। जहां सरकार बजट का आंकड़े दे रही है आंकड़े देने से पहले महाकुंभ में मारे गए लोगों के भी आंकड़े देने चाहिए। अखिलेश यादव का पूरा भाषण महाकुंभ हादसा और उसमें मारे गए लोगों के आंकड़ों को लेकर फोकस था। लेकिन, इन सब के बीच अखिलेश यादव ने अपने शासन काल में कुंभ हादसे और साधु-संतों के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार की बात बताना भूल गए।
अखिलेश यादव ने कहा कि लोग पुण्य कमाने आए थे और अपने मां, बाप और भाी-बहन के शवों को लेकर गए। जमीन पर लाशें पड़ी हुईं थीं और सरकार हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा कर रही थी। लाशों से बदबू आई तो उन्हें ट्रैक्टर और क्रेन से उठाकर फेंक दिया गया, लेकिन कहां फेंका गया यह पता तक नहीं। अखिलेश यादव ने आगे कहा, न जाने कितनी चप्पले और कपड़े पड़े थे और उन सबको जेसीबी मशीन से उठाया गया। यहीं आपका महाकुंभ का आयोजन था। हमारे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शोक प्रकट नहीं किया था। जब देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने शोक व्यक्त किया उस के 17 घंटे बाद इन्होंने शोक व्यक्त किया। अखिलेश यादव अपने भाषण में एक बार नहीं कई बार कहा कि मैं चाहता हूं कि यूपी सरकार पहले महाकुंभ में मरने वाले लोगों के आंकड़ा जारी करे। इससे ज्यादा शर्मनाक क्या हो सकता है। योगी सरकार डिजिटल महाकुंभ का दावा कर रही थी तो भगदड़ में मरने वालों के डिजिट क्यों नहीं बता पा रही है?
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव कर करारा पलटवार करते हुए कहा कि दोनों ही पार्टियां सनातन धर्म से नफरत करती हैं। राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे के दिए बयान पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इन्होंने सनातन को बदनाम करने की सुपारी ले रखी है। अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि वे झूठ का रिकॉर्ड बना रहे हैं। सीएम योगी ने कहा कि, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी दोनों ही चाहती थीं कि महाकुंभ में हादसा हो जाए। दोनों ही पार्टियों में सनातन धर्म को नीचे दिखाने की होड़ मची है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संसद में दिए गए बयान निंदनीय हैं। कांग्रेस और सपा का सनातन विरोधी चेहरा खुलकर सामने आ रहा है।