नई दिल्ली, 30 मई 2025, शुक्रवार। राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने एक ऐसा बयान दिया है, जिसने इतिहास की किताबों को कटघरे में खड़ा कर दिया! उन्होंने दावा किया कि मुगल बादशाह अकबर की शादी जोधपुर की किसी राजकुमारी से नहीं, बल्कि आमेर के महल की एक नौकरानी की बेटी से हुई थी। इस चौंकाने वाले खुलासे ने सदियों पुरानी ऐतिहासिक मान्यताओं को चुनौती दी है और ब्रिटिश इतिहासकारों पर भारत के गौरवशाली अतीत को तोड़-मरोड़कर पेश करने का गंभीर आरोप लगाया है।
महाराणा प्रताप की जयंती पर गरमाया विवाद
महाराणा प्रताप की जयंती की पूर्व संध्या पर बुधवार को राज्यपाल बागड़े ने यह सनसनीखेज दावा किया। उन्होंने कहा, “लोगों को बताया जाता है कि अकबर ने जोधा बाई से शादी की थी। इस पर तो बॉलीवुड में फिल्म भी बन चुकी है, और इतिहास की किताबें भी यही कहती हैं। लेकिन यह सरासर झूठ है!” बागड़े के मुताबिक, अकबर की पत्नी कोई राजकुमारी नहीं, बल्कि आमेर के राजा भारमल द्वारा तय की गई एक नौकरानी की बेटी थी।
अकबरनामा से मिला आधार
अपने दावे को पुख्ता करने के लिए बागड़े ने अकबरनामा का हवाला दिया, जो अकबर के शासनकाल का आधिकारिक दस्तावेज है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इसमें जोधा बाई का कोई जिक्र नहीं है। ऐतिहासिक तौर पर माना जाता है कि अकबर ने 1569 में रणनीतिक गठबंधन के लिए आमेर के राजा भारमल की बेटी हरका बाई या मरियम-उज़-ज़मानी से शादी की थी। लेकिन बागड़े का दावा इस कहानी को पूरी तरह पलट देता है।
महाराणा प्रताप का गौरव और नई शिक्षा नीति
बागड़े ने महाराणा प्रताप की वीरता को सलाम करते हुए कहा कि उन्होंने कभी अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं किया। उन्होंने अफसोस जताया कि इतिहास की किताबों में अकबर को ज्यादा और महाराणा प्रताप को कम महत्व दिया गया। हालांकि, उन्होंने जोड़ा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के जरिए अब भारत की समृद्ध संस्कृति और गौरवशाली इतिहास को सहेजने का प्रयास हो रहा है, ताकि नई पीढ़ी अपने वीर नायकों को जान सके और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार हो।
महाराणा और शिवाजी: देशभक्ति के प्रतीक
राज्यपाल ने महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी महाराज को देशभक्ति का चमकता सितारा बताया। उन्होंने कहा, “दोनों के जन्म में 90 साल का फासला था, लेकिन अगर वे एक ही दौर में होते, तो भारत का इतिहास कुछ और ही होता!” दोनों को वीरता और देशप्रेम के प्रतीक के रूप में याद किया जाता है। बागड़े ने यह भी बताया कि महाराष्ट्र के संभाजीनगर में महाराणा प्रताप की एक भव्य घुड़सवार प्रतिमा स्थापित की गई है, जो उनके सम्मान का प्रतीक है।
इतिहास पर बहस छेड़ने वाला दावा
राज्यपाल बागड़े का यह बयान न केवल इतिहासकारों बल्कि आम लोगों के बीच भी चर्चा का विषय बन गया है। क्या यह दावा ऐतिहासिक सच्चाई को उजागर करेगा या नया विवाद खड़ा करेगा? यह सवाल अब सबके जेहन में है।