मुंबई, 10 नवंबर 2024, रविवार। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा का ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारा एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार को नहीं भाया। उन्होंने कहा कि हिंदू एकता के नाम पर इस नारे का उपयोग महाराष्ट्र में नहीं चलेगा, क्योंकि यहां की राजनीति और संस्कृति अलग है। अजित पवार ने स्पष्ट किया कि वे इस नारे का समर्थन नहीं करते हैं और महाराष्ट्र में विकास पर ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने यह भी कहा कि महायुति में एक साथ काम करने के बावजूद, उनकी पार्टी की विचारधारा अलग है, और दूसरे राज्यों में यह नारा चल सकता है, लेकिन महाराष्ट्र में नहीं। उन्होंने उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश और झारखंड का उल्लेख किया, जहां यह नारा प्रभावी हो सकता है, लेकिन महाराष्ट्र की स्थिति अलग है।
अजित पवार ने महाराष्ट्र को छत्रपति शिवाजी महाराज, राजर्षि शाहू महाराज और महात्मा फुले का राज्य बताया, जहां सांप्रदायिक सौहार्द हमेशा प्राथमिकता रही है। उन्होंने बीजेपी के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे का विरोध किया, जिसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेश में हिंदू विरोधी हिंसा के संदर्भ में पेश किया था। अजित पवार ने कहा कि आरएसएस और भाजपा नेताओं ने इस नारे का समर्थन किया है और महाराष्ट्र चुनाव अभियान में इसे बढ़ावा दे रहे हैं।
दरसल, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अजित पवार की एनसीपी ने कई मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जिनमें नवाब मलिक, हसन मुश्रीफ, सन्ना मलिक और जीशान मलिक शामिल हैं। महाराष्ट्र में मुस्लिम वोट महत्वपूर्ण है, लेकिन बीजेपी के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे से अल्पसंख्यक वोटर अलग हो सकते हैं। इससे पहले नवाब मलिक की उम्मीदवारी पर बीजेपी ने बयानबाजी की थी। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी।