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Friday, June 27, 2025

भारतीयों को लाने वायुसेना का C-17 ग्लोबमास्टर हिंडन से रवाना, एकबार में आएंगे 500 छात्र जानें खासियत

यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को वापस लाने के लिए भारतीय वायुसेना ने अपना अभियान शुरू कर दिया है। इसके तहत बुधवार सुबह 4.00 बजे भारतीय वायुसेना के C-17 ग्लोबमास्टर (मालवाहक विमान) ने गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस से रोमानिया के लिए उड़ान भरी। वह रोमानिया से स्टूडेंट्स को एयरलिफ्ट करेगा।

रूस-यूक्रेन की वर्तमान स्थिति की बात करें तो दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच चुका है। इन सब के बीच अन्य देशों के नागरिकों के लिए भी खतरा बढ़ गया है। इस बढ़ते खतरे को देखते हुए भारतीय वायुसेना ने भी कमर कस ली है। इसी के तहत एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों के एयरलिफ्ट के लिए वायुसेना को तैयार रहने को कहा था, जिसके लिए वायुसेना के कई C-17 विमानों की सहायता लेने की बात की थी। ऑपरेशन के गंगा के तहत ही वायुसेना इस मिशन में उतरी है जिससे भारतीयों को लाने का काम तेजी पकड़ेगा और वहां राहत सामग्री पहुंचाने में भी तेजी आएगी। इसकी वजह ये है कि इस विमान में एक बार में 500-700 लोग लाए जा सकते हैं, जबकि एयर इंडिया की फ्लाइट में यह संख्या 200-250 तक होती है।

वायुसेना का मालवाहक विमान C-17 ग्लोबमास्टर विमान इससे पहले भी अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को एयरलिफ्ट कर चुका है। आगे जानिए क्या है इस विमान का इतिहास और इसकी खासियतें हमेशा बनता है भारत का खेवनहार…

सी-17 भारतीय वायुसेना का पहला भारी सैन्य साजो सामान ले जाने में सक्षम रणनीतिक परिवहन विमान है। यह विमान सिंगल होप में 4200-9000 किलोमीटर की दूरी तक 70 टन का माल लेकर उड़ान भर सकता है।

C-17 ग्लोबमास्टर कारगिल, लद्दाख और अन्य उत्तरी और उत्तर पूर्वी सीमाओं पर यह आसानी से उतर सकता है। सीमा के अलावा देश में कहीं भी आपात काल जैसी स्थिति बनने पर यह अपनी ताकत दिखा सकता है।

इसके अलावा लैंडिंग में परेशानी होने की स्थिति में इसमें रिवर्स गियर भी दिया गया है। विमान चार इंजनों से लैस है। यह विश्व के बड़े मालवाहक जहाजों में से एक है। 81वीं स्क्वार्डन के ग्रुप कैप्टन को ‘गोल्डन की’ देकर विमान को भारतीय वायुसेना में शामिल किया था। इस स्क्वार्डन को स्काईलॉर्ड्स नाम दिया गया है।

हर मुश्किल में बना भारत का खेवनहार
बीते साल यानी अप्रैल 2021 में कोरोना की दूसरी घातक लहर के दौरान जब पूरे भारत से ऑक्सीन की किल्लत की खबरें आ रही थीं तब C-17 ग्लोबमास्टर विमानों से ही ऑक्सीजन टैंकरों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया गया था।

पिछले साल ही अगस्त माह के दौरान जब तालिबानियों ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया तो ग्लोबमास्टर ही 600 भारतीयों को काबुल से सकुशल वापस लाया था।

साल 2020 में अक्तूबर माह में जब भारत-चीन के बीम सीमा विवाद को लेकर तनाव बढ़ गया था तो इसी विमान से सैनिकों के लिए रसद सामग्री चीन सीमा तक पहुंचाई गई थी।
आठ साल पहले बिहार में जब भीषण बाढ़ आई थी तो C-17 ग्लोबमास्टर को ही वहां अस्पताल का रूप दिया गया था और इसी विमान में डॉक्टरों को दिल्ली से बिहार ले जाया गया था।

बिहार ही नहीं नेपा की राजधानी काठमांडू, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश में भी आपदा के दौरान इस विमान से आपदाग्रस्त लोगों तक मदद पहुंचाई गई थी।

सी-17 ग्लोबमास्टर फैक्ट फाइल
लंबाई – 174 फीट
चौड़ाई- 170 फीट
ऊंचाई- 55 फीट

3500 फीट लंबी हवाई पट्टी पर उतरने की क्षमता
1500 फीट पर आपातकाल में उतारने में सक्षम
70 टन वजन ले जाने में सक्षम
42 हजार किमी तक की उड़ान भर सकता है एक बार में
150 से अधिक जवानों को एक साथ ले जाने में सक्षम
03 हेलीकॉप्टरों या दो ट्रकों को एयरलिफ्ट करने की ताकत
20 हजार करोड़ रुपये की डील में हुआ था 10 विमानों का सौदा
03 ग्लोब मास्टर भारत पहुंचे, जबकि सात अगले साल तक पहुंचेंगे

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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