ऋषिकेश, 15 अप्रैल 2025, मंगलवार: उत्तराखंड की पावन धरती पर बसे एम्स ऋषिकेश ने अपने पांचवें दीक्षांत समारोह में एक बार फिर उत्कृष्टता का परचम लहराया। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह में 434 मेधावी छात्रों को डिग्री प्रदान की गई। यह दिन न केवल छात्रों की मेहनत का उत्सव था, बल्कि भारत की स्वास्थ्य सेवाओं में हो रहे क्रांतिकारी बदलावों का भी गवाह बना।
स्वास्थ्य सेवाओं का नया युग
जेपी नड्डा ने अपने प्रेरक संबोधन में कहा, “दीक्षांत समारोह केवल डिग्री का वितरण नहीं, बल्कि छात्रों की उपलब्धियों का सम्मान और उनके उज्ज्वल भविष्य की शुरुआत है।” उन्होंने केंद्र सरकार की उस प्रतिबद्धता को दोहराया, जो हर गरीब तक सस्ती, गुणवत्तापूर्ण और समग्र स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने पर केंद्रित है। नड्डा ने बताया कि जहां 21वीं सदी की शुरुआत में भारत में केवल एक एम्स था, वहीं आज 22 एम्स देश की शान बढ़ा रहे हैं। एम्स ऋषिकेश ने अपनी विश्व-स्तरीय सेवाओं से स्वास्थ्य क्षेत्र में एक अलग मुकाम हासिल किया है।

स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत की छलांग
नड्डा ने पिछले एक दशक में स्वास्थ्य क्षेत्र की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि देश में 1.75 लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर नागरिकों को स्वास्थ्य और कल्याण की सेवाएं दे रहे हैं। मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 101% की वृद्धि हुई है, और अब देश में 780 मेडिकल कॉलेज हैं। एमबीबीएस सीटों में 130% और पीजी सीटों में 138% की बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा, 157 नए नर्सिंग कॉलेज भी स्थापित किए जा रहे हैं।
एम्स ऋषिकेश की अनूठी उपलब्धियां
केंद्रीय मंत्री ने एम्स ऋषिकेश की तारीफ करते हुए कहा कि इस संस्थान ने हेलीकॉप्टर और ड्रोन सेवाओं के जरिए 309 गंभीर मरीजों की जान बचाई। टेलीमेडिसिन (ई-संजीवनी) के माध्यम से दूरदराज के क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में यह देश के अग्रणी संस्थानों में शुमार है। नड्डा ने छात्रों से करुणा, ईमानदारी और समर्पण के साथ काम करने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि सरकार प्रत्येक एमबीबीएस छात्र पर 30-35 लाख रुपये खर्च करती है, इसलिए नए डॉक्टरों को समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।

नई सुविधाओं का शुभारंभ
समारोह के दौरान नड्डा ने कई अत्याधुनिक सुविधाओं का उद्घाटन किया, जिनमें आयुष विभाग में एकीकृत चिकित्सा, न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग में पीईटी स्कैन मशीन, रेडियोलॉजी में पीएसीएस सुविधा और उन्नत बाल चिकित्सा केंद्र शामिल हैं। ये सुविधाएं एम्स ऋषिकेश को और सशक्त बनाएंगी।
434 छात्रों का सम्मान
समारोह में 10 मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक और डिग्री से नवाजा गया। कुल 434 छात्रों को डिग्री दी गई, जिनमें 98 एमबीबीएस, 95 बीएससी नर्सिंग, 54 बीएससी संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान, 109 एमडी/एमएस/एमडीएस, 17 एमएससी नर्सिंग, 40 डीएम/एमसीएच और 8 पीएचडी छात्र शामिल थे।

उत्तराखंड के लिए गर्व का पल
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में देश की स्वास्थ्य सेवाओं में अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। आयुष्मान भारत, राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति-2017 और मेडिकल सीटों में वृद्धि जैसे कदमों ने भारत को स्वास्थ्य क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। उन्होंने बताया कि एम्स ऋषिकेश में रोबोटिक सर्जरी, न्यूरोसर्जरी और रेडिएशन थेरेपी जैसी अत्याधुनिक सेवाएं उपलब्ध हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई हेली-एंबुलेंस सेवा ने उत्तराखंड के स्वास्थ्य क्षेत्र को नई उड़ान दी है।
धामी ने यह भी बताया कि राज्य में 14 लाख से अधिक लोगों का इलाज आयुष्मान भारत योजना के तहत हुआ है, और 5 हजार से अधिक ग्राम सभाएं टीबी-मुक्त हो चुकी हैं। चारधाम यात्रा के लिए नए अस्पतालों का संचालन भी जल्द शुरू होगा।
एक प्रेरक शुरुआत
यह दीक्षांत समारोह न केवल छात्रों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है। एम्स ऋषिकेश न सिर्फ चिकित्सा शिक्षा का केंद्र है, बल्कि मानवता की सेवा का प्रतीक भी है। जैसे-जैसे ये नए डॉक्टर अपने करियर की शुरुआत करेंगे, वे निश्चित रूप से भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र को और मजबूत करेंगे।