अहमदाबाद, 22 जून 2025: 12 जून 2025 को अहमदाबाद में हुए दिल दहलाने वाले एयर इंडिया विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। अब इस हादसे की जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने टाटा समूह की इस प्रतिष्ठित एयरलाइन के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है। इनमें सबसे ज्यादा चर्चा में है पायल अरोड़ा, जिनके कंधों पर थी क्रू शेड्यूलिंग और प्लानिंग की अहम जिम्मेदारी। आखिर कौन हैं पायल अरोड़ा, और क्यों उन्हें इस हादसे का जिम्मेदार माना जा रहा है?
डीजीसीए का सख्त रुख, तीन अधिकारी निशाने पर
डीजीसीए की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। आदेश में कहा गया है कि एयर इंडिया ने लाइसेंसिंग, क्रू के आराम और ताजगी जैसे जरूरी नियमों की बार-बार अनदेखी की। इन खामियों का पता एयर रूट मैनेजमेंट सिस्टम (एआरएमएस) और सीएई फ्लाइट व क्रू मैनेजमेंट सिस्टम की समीक्षा के दौरान चला। डीजीसीए ने इस हादसे के लिए तीन अधिकारियों—डिवीजनल वाइस प्रेसिडेंट चूरा सिंह, ऑपरेशन डायरेक्टरेट की चीफ मैनेजर पिंकी मित्तल और क्रू शेड्यूलिंग प्रमुख पायल अरोड़ा—को जिम्मेदार ठहराया है।
क्या है एआरएमएस, जिसने खोली पोल?
एआरएमएस एक अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर है, जिसका इस्तेमाल एयरलाइंस क्रू रोस्टरिंग, फ्लाइट प्लानिंग और अन्य परिचालन कार्यों के लिए करती हैं। लेकिन इस बार यही सिस्टम एयर इंडिया के लिए मुसीबत बन गया। डीजीसीए की जांच में सामने आया कि इस सिस्टम में दर्ज डेटा से क्रू शेड्यूलिंग में गंभीर अनियमितताएं उजागर हुईं, जिसके लिए सीधे तौर पर पायल अरोड़ा को जिम्मेदार माना गया।
पायल अरोड़ा पर क्यों उठ रही उंगलियां?
पायल अरोड़ा, जो एयर इंडिया में क्रू शेड्यूलिंग और प्लानिंग की प्रमुख हैं, पर डीजीसीए ने गंभीर आरोप लगाए हैं। जांच में पाया गया कि उनके नेतृत्व में क्रू की ड्यूटी तय करने, लाइसेंस और ट्रेनिंग नियमों का पालन कराने, और शेड्यूलिंग में लापरवाही बरती गई। चालक दल की गलत जोड़ियां बनाई गईं, जरूरी नियमों को ताक पर रखा गया, और निरीक्षण में ढिलाई दिखाई गई। डीजीसीए ने इन्हें “गंभीर और बार-बार दोहराई गई गलतियां” करार देते हुए पायल अरोड़ा के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है।
स्वेच्छा से दी गई जानकारी, फिर भी सवालों के घेरे में
हैरानी की बात यह है कि एयर इंडिया ने खुद इन खामियों की जानकारी डीजीसीए को दी थी। लेकिन डीजीसीए का कहना है कि यह जानकारी भले ही स्वेच्छा से दी गई हो, लेकिन यह साफ करता है कि एयरलाइन की प्रक्रियाओं में गहरी खामियां हैं। क्रू शेड्यूलिंग की जिम्मेदारी संभालने वाली पायल अरोड़ा पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतनी बड़ी चूक कैसे हुई?
आगे क्या होगा?
इस हादसे ने न केवल एयर इंडिया की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि विमानन सुरक्षा को लेकर भी बहस छेड़ दी है। डीजीसीए के इस कड़े कदम के बाद अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या पायल अरोड़ा और अन्य अधिकारियों के खिलाफ और सख्त कार्रवाई होगी, या यह मामला केवल कागजी आदेशों तक सीमित रह जाएगा।
फिलहाल, अहमदाबाद विमान हादसा और उसकी जांच ने एयर इंडिया के प्रबंधन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। क्या यह घटना भारतीय विमानन उद्योग के लिए एक सबक बनेगी? यह सवाल अभी अनुत्तरित है।