काठमांडू, 21 जुलाई 2025: नेपाल का पशुपतिनाथ मंदिर न केवल सनातन धर्मावलंबियों की आस्था का प्रमुख केंद्र है, बल्कि यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल एक ऐतिहासिक स्थल भी है। बागमती नदी के तट पर स्थित यह मंदिर भगवान शिव के पंचमुखी स्वरूप के लिए विख्यात है। मंदिर परिसर 240 हेक्टेयर में फैला है और इसे विश्व के 275 पवित्र शिव स्थलों में से एक प्रमुख स्थल माना जाता है।
हालांकि, पशुपतिनाथ मंदिर के समीप मृगस्थली में गोरखनाथ के महंत का कहना है कि केवल पशुपतिनाथ के दर्शन से मोक्ष की प्राप्ति संभव नहीं है। उनके अनुसार, भक्तों को मोक्ष प्राप्ति के लिए 64 ज्योतिर्लिंगों सहित अन्य प्रमुख शिव मंदिरों के दर्शन करने चाहिए। महंत ने बताया कि भारत और अन्य देशों से आने वाले भक्त यदि सीधे पशुपतिनाथ के दर्शन कर लौट जाते हैं, तो उन्हें दर्शन का पूर्ण फल नहीं मिलता। दर्शन का सही क्रम और मार्ग शास्त्रों में उल्लिखित है, जिसका पालन आवश्यक है।
इन मंदिरों के दर्शन हैं जरूरी
पशुपतिनाथ के दर्शन से पहले निम्नलिखित मंदिरों के दर्शन की सलाह दी जाती है:
- डोलेश्वर महादेव मंदिर: भक्तपुर जिले में स्थित, इसे ‘केदारनाथ का मुखिया’ भी कहा जाता है। यह विशाल काले शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है।
- बागेश्वरी मंदिर: नेपालगंज में स्थित, यह मंदिर देवी दुर्गा के रूप बागेश्वरी को समर्पित है।
- कुंभेश्वर महादेव मंदिर: ललितपुर के पाटन में स्थित यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। जनाई पूर्णिमा पर यहां स्नान को गोसाईकुंड के समान माना जाता है।
- गोकर्णेश्वर महादेव मंदिर: काठमांडू में बागमती, चंद्रमती और सूर्यमती के त्रिवेणी संगम पर स्थित यह प्राचीन मंदिर सतयुग से प्रसिद्ध है।
- हलेसी महादेव: खोटांग जिले में 4,736 फीट की ऊंचाई पर स्थित, यह हिंदू और बौद्ध तीर्थ स्थल है। यहां की गुफा प्राकृतिक रूप से अद्वितीय है।
- गोसाईकुंड: रसुवा जिले में 4,360 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह पवित्र कुंड भगवान शिव के त्रिशूल से निर्मित माना जाता है।
- आशापुरेश्वर महादेव: भक्तपुर में स्थित, यह मंदिर संतान प्राप्ति और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रसिद्ध है।
- कुशेश्वर महादेव: सिंधुली जिले में स्थित, यह मंदिर सतयुग से तपस्वियों के लिए महत्वपूर्ण रहा है।
- गालेश्वर महादेव: म्यागदी जिले में कालीगंडकी और राहुगंगा नदियों के संगम पर स्थित, यह मंदिर सती के कंठ से जुड़ा माना जाता है।
- जलेश्वर महादेव: महोत्तरी जिले में स्थित, इस मंदिर का संबंध राम-सीता विवाह से माना जाता है।
पशुपतिनाथ: एक जीवंत धरोहर
पशुपतिनाथ मंदिर 2,000 वर्ष पुराना माना जाता है और इसका परिसर 559 वर्ग किलोमीटर में फैला है। यह शैव, शाक्त, वैष्णव, बौद्ध और गणपति सिखों के लिए खुला है। पैगोडा शैली में निर्मित यह मंदिर प्राचीन मूर्तियों, मठों और अभिलेखों का एक खुला संग्रहालय है।
महंत के अनुसार, इन मंदिरों के दर्शन के बाद पशुपतिनाथ के दर्शन से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह क्रम न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भक्तों को आध्यात्मिक और मानसिक शांति भी प्रदान करता है।
नेपाल के इन पवित्र स्थलों की यात्रा न केवल धार्मिक, बल्कि पर्यटन और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी एक अनूठा अनुभव है।