जिलास्तर और राज्यस्तर पर खनन के लिए खदानों को एनओसी मिलने के बाद राजधानी रांची में बालू की कीमतों में कमी आई है। सूत्रों के अनुसार हाल के दिनों में झारखंड में ढाई दर्जन के करीब घाटों से खनन के लिए झारखंड राज्य खनिज विकास निगम को एनओसी मिला है।
राज्यस्तर पर सिया और जिलास्तर पर दिया से एनओसी मिलने के बाद खनन कार्य चालू होने का असर बालू के बाजार पर भी पड़ा है। राजधानी रांची में बालू की किल्लत तो खत्म हुई ही, बिहार पर निर्भरता भी कम हुई। बिहार से बालू का डिमांड कम होने के बाद वहां के कारोबारियों ने कीमत कम कर दी है।
अब 30 हजार रुपये प्रति हाइवा होगी कीमत
कभी 50 हजार रुपये में एक हाइवा बालू मिल रहा था उसकी कीमत अभी 30 हजार रुपये के आसपास हो गई है। कुल मिलाकर झारखंड और बिहार से पहुंचनेवाले बालू की कीमत लगभग एक ही हो गई है। कीमतों में कमी का बड़ा कारण बिहार से बालू लेकर आनेवाले कारोबारियों का रुख रहा है।
इसके अलावा रांची में सिल्ली और आसपास के घाटों से बालू खनन कार्य चल रहा है और राजधानी वासियों के लिए बालू की कमी अब कहीं रही नहीं है। दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल में ही कई नए घाट चालू हुए हैं। अभी इन घाटों से 10 जून तक बालू का खनन होगा और उसके बाद 15 अक्टूबर तक बरसात के मौसम में रोक सभी घाटों पर प्रभावी रहेगा।