मणिपुर में सुरक्षाबलों को एक दिन पहले बड़ी सफलता मिली थी, जब जिरीबाम में मुठभेड़ के दौरान 10 उग्रवादी मारे गए थे। अगले ही दिन यानी मंगलवार को जिरीबाम में ही दो लोगों के शव बरामद किए गए। छह लोगों के लापता होने की खबर है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि लापता लोगों की तलाश के लिए सुरक्षाबल अभियान चला रहे हैं। लापता लोगों में तीन महिलाएं और तीन बच्चे लापता हैं। आईजीपी (ऑपरेशन) आईके मुइवा ने बताया कि जिन दो मृतकों के शव बरामद हुए हैं, उनकी पहचान लैशराम बालेन और माईबाम केशो के रूप में की गई है। दोनों के शव जकुराधोर करोंग क्षेत्र में मलबे से बरामद किए गए। इस इलाके में उग्रवादियों ने सोमवार को कुछ दुकानों में आग लगा दी थी। जिरीबाम जिला प्रशासन ने क्षेत्र में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में संदिग्ध उग्रवादियों के मारे जाने के विरोध में पहाड़ी क्षेत्र के कुकी-जो समुदाय बहुल इलाकों में आक्रोश है। मंगलवार सुबह पांच बजे से ही इस इलाके को बंद रखा गया। पुलिस ने बताया कि मंगलवार को मारे गए संदिग्ध उग्रवादियों ने चकमा देने के लिए वर्दी पहन रखी थी और वे अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे।
पुलिस के मुताबिक जिरीबाम जिले में एक पुलिस स्टेशन और निकटवर्ती सीआरपीएफ शिविर पर हथियारबंद लोगों ने अंधाधुंध गोलीबारी की। मुठभेड़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के दो जवान घायल हो गए। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार सुबह जिरीबाम में स्थिति शांत लेकिन तनावपूर्ण रही। पुलिसकर्मी संवेदनशील स्थानों पर गश्त कर रहे हैं।
मणिपुर में गोलीबारी के बाद इम्फाल घाटी में भी कई स्थानों से हिंसा की खबरें सामने आईं। सशस्त्र समूहों और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी हुई। उग्रवादियों को खदेड़ने के लिए सुरक्षाबलों का अभियान जारी है। असम राइफल्स और सीआरपीएफ की अतिरिक्त टुकड़ियों को अशांत क्षेत्रों में तैनात किया गया है।