दिल्ली वक्फ बोर्ड के प्रशासक अश्विनी कुमार की प्रस्तुति पर विपक्षी सदस्यों के विरोध के बाद वक्फ संशोधन विधेयक संबंधी संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) ने मंगलवार को दिल्ली सरकार का पक्ष सुनने पर सहमति जताई। जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने दिल्ली वक्फ बोर्ड को यह आश्वासन दिया।
अश्विनी द्वारा समिति के समक्ष अपनी बात रखे जाने का विपक्षी सदस्यों आप के संजय सिंह, द्रमुक के मोहम्मद अब्दुल्ला और एआइएमआइएम के असदुद्दीन ओवैसी ने विरोध किया था। विपक्षी सदस्यों का कहना था कि वक्फ बोर्ड के प्रशासक जो प्रस्तुति समिति के समक्ष देना चाहते हैं, उसे दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने मंजूरी नहीं दी है।
इस मुद्दे के कारण सोमवार को समिति की कार्यवाही रोक दी गई थी और लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह से इस मुद्दे पर राय मांगे जाने के बाद अश्विनी कुमार को बोर्ड के समक्ष अपने विचार रखने के लिए कहा गया था। विपक्ष ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के प्रशासक के रूप में एक गैर-मुस्लिम व्यक्ति की नियुक्ति पर भी सवाल उठाया और तर्क दिया कि कानून इसकी अनुमति नहीं देता है।
भाजपा के एक सदस्य ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि पहले भी इन पदों पर गैर-मुस्लिम व्यक्तियों को नियुक्त किया गया है। इसके बाद तीनों विपक्षी सदस्य हाल के केंद्र में जमा हो गए और लगभग एक घंटे तक नारे लगाते रहे, जिसके बाद जगदंबिका पाल नरम पड़े और अपने प्रतिनिधि के माध्यम से इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार का पक्ष सुनने के लिए सहमत हुए।