देश बुरी हालत में, यादव ने काफी कुछ सिखाया : राहुल
राजद नेता से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा, ‘मैं शरद यादव के इस बयान से सहमत हूं कि देश में बुरे हाल हैं। नफरत फैलाई जा रही है और देश को बांटा जा रहा है। हमें देश को एकजुट करना है और भाईचारे के रास्ते पर चलना है, जो कि देश के इतिहास का हिस्सा रहा है। राहुल ने यह भी कहा कि यादव बीमार थे व लंबे समय से अस्वस्थ महसूस कर रहे थे। मैं उन्हें स्वस्थ देखकर ‘फाइटिंग फिट’ पाकर बहुत खुश हूं। आप उन्हें मुस्कुराते हुए देख सकते हैं। मुझे भी यह देख अच्छा लग रहा है। राजनीति में उन्होंने मुझे काफी कुछ सिखाया है।
श्रीलंका की तरह भारत का भी सच जल्द सामने आने का दावा करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आप भारत की आर्थिक स्थिति और नौकरी की स्थिति की कल्पना नहीं कर सकते। आपने अपने जीवन में कभी नहीं देखा होगा। ये क्या हो रहा है। इस देश के रोजगार ढांचे की रीढ़ की हड्डी टूट चुकी है। लघु और मध्यम व्यवसाय, छोटे दुकानदार, अनौपचारिक क्षेत्र हमारी रीढ़ हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो तीन सालों से देश में मीडिया, संस्थान, भाजपा नेता व आरएसएस सच छिपा रहे हैं, लेकिन धीरे-धीरे वह सामने आएगा।
तीन-चार साल में भयानक अंजाम होगा
कांग्रेस नेता ने कहा कि अर्थशास्त्री और नौकरशाह दूसरे देशों को देखकर अपनी योजनाएं बनाते हैं। पीएम कहते हैं हमें उनके जैसा बनना है। ऐसा नहीं किया जा सकता। सबसे पहले, हमें यह महसूस करना होगा कि हम कौन हैं और यहां क्या हो रहा है। उन्होंने कमर तोड़ दी है, अगले 3-4 साल में भयानक परिणाम आएंगे।
कांग्रेस को 24 घंटे चला रहे राहुल : शरद यादव
जब शरद यादव से पूछा गया कि क्या राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए? उन्होंने प्रतिप्रश्न करते हुए कहा कि क्यों नहीं? यदि कोई कांग्रेस को 24 घंटे चला रहा है तो वह राहुल हैं। मैं सोचता हूं कि उन्हें पार्टी अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए। उसके बाद ही कुछ बड़ा किया जा सकेगा। अध्यक्ष पद को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि हम इस पर विचार करेंगे।
2018 में नीतीश से नाराज होकर बनाई थी अलग पार्टी
जदयू से अलग होने के बाद शरद यादव ने अपनी अलग पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल बनाई, लेकिन उसे अपेक्षित कामयाबी नहीं मिली। इसे देखते हुए शरद यादव राजद में शामिल हो गए। शरद यादव की पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल का राष्ट्रीय जनता दल में 20 मार्च को बिना शर्त विलय किया गया था। कुछ दिन पहले ही दिल्ली में तेजस्वी यादव से शरद यादव ने मुलाकात की थी, जिस दौरान उन्होने इस बात के संकेत भी दिए थे। शरद यादव ने कहा था कि तेजस्वी यादव अब राजनीतिक विरासत संभालेंगे। शरद यादव ने 2018 में नीतीश कुमार से नाराज होकर अलग पार्टी बनाने वाले शरद यादव की अब लालू यादव के साथ दोस्ती शुरू हुई। इसके साथ ही उनकी 25 साल पुरानी राजनीतिक दुश्मनी भी खत्म हो गई।
विपक्षी एकता का पहला कदम
विलय के मौके पर शरद यादव ने कहा था कि हमारी पार्टी का राजद में विलय विपक्षी एकता की दिशा में पहला कदम है। यह जरूरी है कि बीजेपी को हराने के लिए पूरे भारत में पूरा विपक्ष एकजुट हो जाए। अभी एकीकरण हमारी प्राथमिकता है, उसके बाद ही हम सोचेंगे कि एकजुट विपक्ष का नेतृत्व कौन करेगा।