देहरादून के सरखेत में हुई अतिवृष्टि के बाद भारी तबाही मची। इस दौरान एक मकान पूरी तरह से जमींदोज हो गया। जिसकी खोजबीन के लिए एनडीआरएफ की टीम लगातार प्रयास कर रही थी। सोमवार को घंटों की मेहनत के बाद मलबा हटते ही आखिरकार मकान की छत दिख ही गई। जिससे अब मकान में दबे लोगों के मिलने की उम्मीद भी जग गई है।
सरखेत गांव के अंतिम छोर में जहां अतिवृष्टि हुई, वहां शनिवार से राहत और बचाव कार्य चल रहे हैं। यहां जमींदोज हुए मकान में एक ही परिवार के पांच लोगों के दबे होने की भी आशंका है। मकान के गहरे मलबे में दबे होने के कारण एनडीआरएफ को भी बचाव कार्य में दिक्कत आ रही है।
एनडीआरएफ की मांग पर रविवार देर शाम को यहां एक पोकलेन मशीन को खोदाई कार्य पर लगाया गया था। सोमवार दोपहर दो पोकलेन मशीनों से यहां पर खोदाई कराई गई। मशीन से करीब 20 मीटर की दूरी से मकान तक पहुंचने के लिए खोदाई का कार्य चल रहा है।
वहीं, अतिवृष्टि वाले क्षेत्र सरखेत तक वाहनों और आम आवाजाही के लिए रास्ता बनाने के लिए प्रशासन बांदल नदी को दूसरी तरफ मोड़ने (चैनलाइजेशन) की कोशिश कर रहा है। इसके लिए मंगलवार को वहां पोकलेन मशीन और अन्य जरूरी सामान से खोदाई का कार्य किया जाएगा।
तबाही के बाद सरकार, शासन और जिला प्रशासन की ओर से आर्थिक सहायता मिलनी शुरू हो गई है। जिलाधिकारी सोनिका के निर्देश पर सोमवार को राजस्व विभाग के अधिकारियों में मौजूदगी में 28 आपदा पीड़ित परिवारों को 2470900 रुपये की आर्थिक सहायता मुहैया कराई गई। वहीं जिलाधिकारी सोनिका का कहना है कि सभी आपदा पीड़ितों को चिन्हित किया जा रहा है और उन्हें भी जिला प्रशासन की ओर से आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाएगी।