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Thursday, November 21, 2024

आखिर कौन सी बला है ‘डिजिटल अरेस्ट’! क्रिमिनल्स का नया हथियार, सहमे बनारस के व्यापारी, पुलिस कमिश्नर से लगाई गुहार

वाराणसी, 6 अक्टूबर 2024, रविवार। साइबर ठग इन दिनों नए-नए तरीकों से लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं। रोजाना बढ़ता जा रहा साइबर क्राइम अब पुलिस के लिए नई चुनौती बन रहा है। मासूमों को शिकार बनाने के लिए साइबर अपराधी नए नए तरीके अपना रहे हैं। ये अपराधी कभी पुलिस, कभी सीबीआई तो कभी अन्य विभागों का सहारा लेकर लोगों को अर्दब में लेते हैं। उसके बाद डरा धमकाकर लोगों की कमजोरी और डर का फ़ायदा उठा कर अपने खातों में लोगों से रकम ट्रांसफर करा लेते हैं। अक्सर डर और सामाजिक प्रतिष्ठा खोने के डर से लोग शिकायत भी नहीं करते। नतीजतन, अपराधियों को और बढ़ावा मिलता है।
इन दिनों डिजिटल अरेस्ट के मामले देखने को मिलने लगे हैं। साइबर हैकर डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लोगों को लगातार निशाना बना रहे हैं। साइबर कानून एक्सपर्ट वकील शिवनंदन सर्वाधार का कहना है कि किसी भी शख्स को किसी भी गलतफहमी का शिकार बनाकर डर और दहशत में डाल देने और उस डर की मदद से रकम वसूलने, यानी साइबर क्राइम का शिकार बनाने को डिजिटल अरेस्ट कहते हैं। दो रोज पहले पहले आगरा के बेसिक स्कूल की टीचर को इसका शिकार बनाया गया। सदमे मेें आकर उसकी मौत हो गई। दहशत में आई महिला के परिजनों ने स्थिति स्पष्ट की थी, लेकिन इसके बाद भी हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई।
आगरा में सरकारी शिक्षिका की साइबर अपराधियों की धमकी से मौत के बाद लोगों में दहशत इस कदर हावी हो गई कि वो सुरक्षा की गुहार लगाने पुलिस कमिश्नर के पास जा पहुंचे। दरसल, अपराधियों ने महिला को वॉट्सऐप कॉल करके बेटी के सेक्स रैकेट में पकड़े जाने की धमकी दी थी। उसे छोड़ने के लिए बिना काल काटे खाते में एक लाख रुपए ट्रांसफर करने को कहा। इससे महिला सदमे में आ गई, जिससे उसकी हार्ट अटैक से मौत हो गई। इस घटना से लोग इतना डर गए हैं कि डिजिटल अरेस्ट नाम की बला से बचने के लिए पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल से गुहार लगाई।
आम नागरिकों के साथ ही व्यापारियों ने बढ़ते साइबर अपराध पर चिंता व्यक्त की तो सीपी ने उन्हें साइबर अपराध से बचाव के बारे में बताया। ये भी बताया कि कैसे साइबर अपराधी डिजिटल अरेस्ट कर उगाही कर रहे हैं, पोर्न या सेक्स रैकेट में बच्चों को फंसने का हवाला देकर ब्लैकमेल करते है। सोशल साइट पर एडिटेड वीडियो चलाकर उसकी रिकार्डिंग भेज कर उगाही करते हैं ऐसे तमाम फ्राड जैसे लॉटरी, उपहार, क्रिप्टो करेंन्सी में निवेश का लालच देकर हो रहे फ्राड से अवगत कराया और बचाव के उपाय को बताया। बताया कि साइबर फ्राड होने पर तत्काल 1930 नम्बर पर कॉल करें, यदि 2-3 घण्टे के अन्दर शिकायत दर्ज हो जाती है तो वह पैसा वापस मिल जाता है। सीपी ने व्यापारियों से कहा कि वह अपनी दुकानों/प्रतिष्ठानों में सुरक्षा के दृष्टिगत सीसीटीवी कैमरें लगवायें और कैमरों को इस प्रकार स्थापित करें कि आने-जाने वाले व्यक्तियों के चेहरे व वाहनों को रिकार्ड किया जा सके। स्वर्ण व्यवसायी संदिग्ध व्यक्तियों से सोने चांदी की खरीद न करें, ऐसे व्यक्तियों के सन्दर्भ में तत्काल पुलिस को सूचना दें।
बैठक में ज्वाइंट सीपी डॉ. के एजिलरसन, एडिशनल सीपी डॉ. एस चन्नप्पा, डीसीपी काशी, डीसीपी वरुणा, डीसीपी गोमती, डीसीपी ट्रैफिक, एडीसीपी ट्रैफिक, वाराणसी महानगर मंडल अध्यक्ष प्रेम मिश्रा, महामंत्री अशोक जायसवाल, स्वर्ण व्यापार मंडल के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार सेठ, बनारसी साड़ी ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अंजनी कुमार मिश्रा, टूरिज्म वैलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राहुल मेहता, ऑल इंडिया व्यापार मंडल संगठन के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र गोयनका, रजनीश क्नौजिया, गोकुल शर्मा, दवा विक्रेता समिति के अध्यक्ष दिनेश कुमार और पूर्वांचल रियल स्टेट संगठन के अध्यक्ष आरसी जैन आदि लोग मौजूद रहे।

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