वाराणसी, 2 फरवरी 2025, रविवार। वाराणसी के गंगा नदी में एक बड़ी नाव के साथ छोटी नाव के टकराने की घटना ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया है। इस घटना के बाद प्रशासन ने सख्ती से कार्रवाई शुरू कर दी है, और अस्सी घाट से नमो घाट के बीच ड्रोन से निगरानी की जा रही है। शनिवार को एक नाव में निर्धारित क्षमता से अधिक 110 यात्रियों को लेकर यात्रा करने के मामले में नाविक और नाव मालिक के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए, सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में 13 नाविकों को जेल भेज दिया। एडीसीपी सरवणन टी ने बताया है कि निर्देशों के नहीं मानने पर आगे भी कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले में, जल पुलिस प्रभारी सधुवन राम गौतम ने बताया कि नाविक राजा साहनी गंगा में अत्यधिक खतरनाक तरीके से नाव चला रहा था, जिसमें क्षमता से अधिक यात्री सवार थे। इस नाव को दशाश्वमेध घाट पर रोककर सभी यात्रियों को सुरक्षित उतारा गया। दूसरी ओर, इस कार्रवाई को लेकर मांझी समाज में आक्रोश व्याप्त है। समाज के लोगों का कहना है कि पुलिस ने बिना जांच के कार्रवाई की है, जो अन्यायपूर्ण है। नाविक समाज के लोगों का कहना है कि प्रशासन की इस तरह की कार्रवाई से उन्हें बहुत नुकसान होगा। उन्होंने सवाल खड़ा किया है कि उन्होंने क्या अपराध किया जिस पर उन्हें जेल भेज दिया गया।
नाविक समाज के प्रमोद मांझी ने बताया कि जिस दिन हादसा हुआ था, उस दिन मांझियों ने तत्परता से लोगों को बचाया था। लेकिन अब प्रशासन, मांझी समाज पर ही मनमाना आदेश निर्देश जारी कर रहा है, और सरकारी क्रूज का संचालन सुनिश्चित कराने के लिए उनके नावों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। मांझी समाज के शंभु साहनी ने कहा पुलिस प्रशासन द्वारा 5 बजे नौका संचालन बंद करने का आदेश दिया गया है हम उसे स्वीकार करते हैं लेकिन हमारी एक शर्त है। उन्होंने कहा कि अगर हमारी नाव बंद हो रही है तो क्रूज का भी संचालन बंद होना चाहिए।
नाविक समाज ने रविवार को बैठक करके यह भी ऐलान किया है कि आज से गंगा आरती के दौरान कोई भी नाविक किसी भी पर्यटक को अपने नाव पर नहीं बैठाएगा। उन्होंने कहा कि गंगा आरती के दौरान भीड़ हो जाती है लोग हमारे ही नाव पर आकर बैठकर आरती देखते हैं लेकिन अब अगर प्रशासन को यही मंजूर है तो अब ना तो हम नव चलाएंगे और ना ही लोगों को बैठाएंगे। हालांकि, नाविक समाज के लोगों को उम्मीद है कि प्रशासन उनकी बात सुनेगा और उन्हें न्याय मिलेगा।