वाराणसी। रामनगर के बलुआघाट पर गुरुवार को बारादरी का गुंबद ढहने से अधेड़ मजदूर की मौत के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। मामले में उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) निर्माण ईकाई-3 की जेई और सहायक प्रोजेक्ट मैनेजर (एपीएम) को निलम्बित कर दिया गया है। इस पूरी घटना के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
गौरतलब है कि, रामनगर के बलुआ घाट पर गुरुवार को दोपहर बाद करीब 3.15 बजे बारादरी का गुंबद ढह गया। बारिश से बचने के लिए नीचे बैठे चंदौली के परोरवां (मुगलसराय) निवासी 57 वर्षीय मजदूर मेवालाल की मौत हो गई। इसमें एक कुत्ते की भी जान चली गई। वहीं, शुक्रवार को यूपीपीसीएल के प्रबंध निदेशक संतोष सिंह ने अवर अभियंता रेनू जायसवाल और सहायक प्रोजेक्ट मैनेजर दिलीप कुमार को कार्यों में लापरवाही और अनुशासनहीनता के आरोप में सस्पेंड करते हुए महाप्रबंधक जोन-1 प्रयागराज कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया है।
घाट निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विपक्षी दलों ने योगी सरकार के कार्यप्रणाली पर निशाना साधा है। वहीं, इस घटना के बाद जिला प्रशासन फौरन हरकत में आते हुए महाप्रबंधक जोन-1 प्रयागराज दिनेश कुमार और निर्माण ईकाई-3 के परियोजना प्रबंधक प्रवीण कुमार शर्मा से भी स्पष्टीकरण मांगा है। कहा कि दोनों अधिकारी 17 सितम्बर तक जवाब भेज दें। संतोषजनक जवाब न मिलने पर कार्रवाई की संस्तुति की भी चेतावनी दी है।
पर्यटन विभाग के अधिकारी आरके रावत ने बताया कि 9 करोड़ 9 लाख की लागत से रामनगर के बलुआ घाट पर नए घाट का निर्माण कराया जा रहा था। यूपीपीसीएल इसकी कार्यदायी संस्था थी जो निर्माण करा रही थी। इस घाट का करीब 90 फीसदी कार्य पूरा हो चुका था महज 10 फीसदी का काम बचा हुआ था। बाढ़ की वजह से काम रुका हुआ था। उधर, मुख्य महाप्रबंधक एके सिंह ने सोनभद्र के कॉन्ट्रैक्टर ओमप्रकाश पांडेय के कार्यों की जांच का निर्देश दिया है। कहा है कि जांच रिपोर्ट आने तक ठेकेदार द्वारा कराये जा रहे सभी कार्यों पर रोक लगाई जाए। जांच में लापरवाही और धांधली मिलने पर फर्म काली सूची में डाली जाएगी।