लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने रविवार को स्पीकर ओम बिड़ला को एक पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के योगदान को सही ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में रखने का अनुरोध किया है। चौधरी ने यह पत्र गुरुवार को विजय दिवस समारोह के दौरान पीठासीन अधिकारियों और सरकार की ओर से इंदिरा गांधी का उल्लेख न किए जाने के बाद लिखा है।
चौधरी ने बांग्लादेश की आजादी के लिए 1971 के युद्ध की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर 16 दिसंबर को दिए गए स्पीकर के बयान का उल्लेख करते हुए उन्हें याद दिलाया कि इंदिरा गांधी के फैसलों की वजह से ही विजय दिवस संभव हो पाया था। उन्होंने कहा, ‘उनमें साहस व दृढ़ विश्वास था। उनके नेतृत्व में ही हमारा देश मुक्ति वाहिनी के साथ युद्ध लड़ा था, जिसमें पाकिस्तान की हार हुई थी और बांग्लादेश स्वतंत्र हुआ था।’
भारत के युवाओं को असली तथ्य जानने का अधिकार है’
कांग्रेस नेता ने इस बात का भी उल्लेख किया कि किस तरह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने विपक्ष में होने के बावजूद इंदिरा गांधी की सराहना की थी। बाजपेई ने इंदिरा गांधी को 1971 में हुई बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई के बाद माता दुर्गा का अवतार बताया था। उन्होंने कहा, हमारे देश की देश की आबादी का प्रमुख वर्ग युवा हैं और उन्हें 1971 के भारत-पाक युद्ध के बारे में सच्चाई जानने का अधिकार है।
1971 की जीत किसी पार्टी की नहीं, पूरे देश की जीत थी’
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मुझे इस लड़ाई के बारे में असल तथ्यों को लेकर कई सवाल मिले हैं। सच यह है कि हम जाति, धर्म या राजनीति से ऊपर उठकर लड़े थे। यह जीत किसी एक व्यक्ति, समूह या किसी राजनीतिक दल की नहींथ। यह पूरे देश की जीत थी। बता दें कि विजय दिवस समारोह पर इंदिरा गांधी का उल्लेख न करने पर कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं और इसे पूरी तरह गलत करार दिया है।