12.1 C
Delhi
Tuesday, December 24, 2024

आरोपी दरोगा-सिपाही निलंबित, मां से की थी गालीगलौज, ऐसे शुरू हुई अवैध वसूली की कहानी

कानपुर में सचेंडी थाने की चकरपुर मंडी चौकी के प्रभारी व सिपाही पर अवैध वसूली और प्रताड़ना का आरोप लगाकर कस्बा निवासी सुनील (22) ने जान दे दी। फांसी लगाने से पहले उसने दो वीडियो फेसबुक पर अपलोड कर उगाही की कहानी बयां की है। बताया है कि वह सब्जी बेचने का काम करता था।
चौकी प्रभारी सतेंद्र कुमार यादव व सिपाही अजय कुमार यादव अक्सर उसकी दुकान आकर बोरे में मुफ्त में सब्जी भर ले जाते थे। जो कमाई होती थी, वह भी छीन ले जाते थे। इससे परेशान होकर उसने सब्जी की दुकान लगानी बंद कर दी और एक मेस में काम करने लगा। इसके बाद भी दोनों ने पीछा नहीं छोड़ा और घर आकर धमकाने लगे।
घर बेचकर पांच लाख रुपये देने का दबाव बनाते थे। इस वजह से वह जान देने जा रहा है। उधर, सुनील की आत्महत्या से नाराज परिजनों ने घर के बाहर शव रखकर हंगामा किया। आठ घंटे तक शव नहीं उठने दिया। इसके बाद पुलिस ने पिता की तहरीर पर दोनों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में रिपोर्ट दर्ज की।विज्ञापन

फोरेंसिक टीम ने भी साक्ष्य जुटाए
साथ ही दोनों का निलंबन भी किया, तब परिजन शांत हुए। दोपहर एक बजे शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका। उधर, दोनों आरोपी घटना के बाद से फरार हैं। चौकी प्रभारी अपने साथ सर्विस रिवाल्वर भी ले गया है। वहीं, सचेंडी थाना प्रभारी आमोल मुर्कुट, एसीपी पनकी तेज बहादुर सिंह ने घटनास्थल की जांच की। फोरेंसिक टीम ने भी साक्ष्य जुटाए हैं।

ऐसे शुरू हुई अवैध वसूली की कहानी
सचेंडी कस्बा निवासी पिता बालकृष्ण राजपूत ने बताया कि छोटा बेटा सुनील सचेंडी मंडी में फुटकर सब्जी का व्यापार करता था। आरोप है कि नवंबर 2023 में घर के पास रहने वाले एक मुस्लिम परिवार से उनका विवाद हो गया था। उस परिवार ने राजकुमार के साथ ही सुनील के खिलाफ भी शिकायत की थी।

खाना बनाने का कर रहा था काम
इसके बाद से चौकी प्रभारी सतेंद्र कुमार यादव व सिपाही अजय कुमार यादव उनके घर आकर धमकाने लगे। मंडी जाकर सुनील की दुकान से अक्सर फ्री में सब्जी लाने लगे थे। इससे परेशान होकर सुनील दुकान बंद कर हाईवे निर्माण में लगी कंपनी की मेस में दो माह से खाना बनाने का काम कर रहा था।

घर पहुंचकर मां से की थी गालीगलौज, बेटे से छीने थे पांच हजार
पिता ने बताया कि अचानक से पांच लाख रुपये की मांग रखने से बेटा परेशान रहने लगा था। उसे धमकी दी जा रही थी कि पैसा नहीं दिया तो जेल भेज देंगे। आरोप लगाया कि कुछ दिन पहले सत्येंद्र और अजय घर आए थे। सुनील की मां राजेश्वरी से गालीगलौज की थी।

सुबह पांच बजे फंदे से लटका पाया
इसके बाद 12 मई की शाम सुनील जब घर आ रहा था, तो उससे पांच हजार रुपये छीन लिए थे। इसके बाद से सुनील बहुत तनाव में था। बालकृष्ण के मुताबिक सोमवार रात सुनील घर लौटा और कमरे में चला गया। सुबह करीब पांच बजे उसकी मां राजेश्वरी ने उसे फंदे से लटका देखा।

नवंबर में भी किया था जान देने का प्रयास
पिता ने बताया कि पुलिस वालों की प्रताड़ना से तंग आकर नवंबर में भी सुनील ने भारी मात्रा में नींद की गोलियां खा लीं थीं। तब हैलट के डॉक्टरों ने किसी तरह उसकी जान बचा ली थी। बालकृष्ण के मुताबिक इस घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए उन्होंने थाने में तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाय जबरन समझौता करा दिया था।

मृतक का एक भाई हिस्ट्रीशीटर, जेल में है बंद
बालकृष्ण के परिवार में पत्नी राजेश्वरी, पांच बेटे सरवन, छोटे, राजकुमार, सुशील, सुनील (22) और बेटी रुचि थी। परिवार मजदूरी कर खर्च चलाता है। राजकुमार सचेंडी थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ 12 मामले दर्ज हैं। इस समय वह कानपुर जेल में बंद है।

वीडियो में बयां किया दर्द

पहला वीडियो: जब भी मिलते पैसे छीन लेते, गालीगलौज करते
चौकी प्रभारी सत्येंद्र यादव व अजय यादव के खिलाफ मैं गवाही देता हूं, अगर मैं फांसी लगाता हूं तो उसके जिम्मेदार सत्येंद्र व अजय यादव होंगे। मुझे परेशान कर रहे हैं। एक से दो महीने हो गए हैं। मुझसे कहते हैं, तुम मेरा कुछ नहीं कर पाओगे। ज्यादा से ज्यादा मेरा ट्रांसफर कराओगे। कहते हैं तुम्हारे पास क्या प्रूफ है? मेरे पास कोई प्रूफ नहीं है। मैं मंडी में दुकान लगाता था। मुझसे फ्री में सब्जी ले जाते थे, मेरे कई बार पैसे छीन चुके हैं। जब भी मिलते, गाली देते हैं।

दूसरा वीडियो: मम्मी-पापा मुझे माफ कर देना
मम्मी हमें माफ कर देना ठीक है, पापा तुम भी। सब लोग देख लेना, जो होता है। मैं आपको बता रहा हूं कि मैं अब अपने वश में नहीं हूं, इसलिए फांसी लगा रहा हूं, ओके…मम्मी।

विधायक सांगा से हुई झड़प, आईपीएस से कहा, मुझे अकड़ न दिखाइए
मंगलवार सुबह सुनील के परिजनों और ग्रामीणों ने शव रखकर हंगामा शुरू कर दिया। लोगों की पुलिसकर्मियों से नोंकझोंक होने लगी। परिवार की महिलाओं को भी संभालना मुश्किल पड़ गया। इस बीच बिठूर विधायक अभिजीत सिंह सांगा भी पीड़ित के घर पहुंचे। बातचीत के दौरान उनकी आईपीएस अमोल मुरकुट से गहमागहमी होने लगी।

समर्थकों ने पुलिस के खिलाफ की नारेबाजी
विधायक ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि पूरे इलाके में आपके प्रति अविश्वास है। इस पर आईपीएस अमोल नाराज हो गए और कुर्सी से खड़े हो गए। कहा कि आप इस तरह से नहीं बोल सकते हैं। इस पर सांगा ने कहा कि आप यहां से जाइए, कोई जरूरत नहीं है आपकी। आप हमको अकड़ न दिखाइए, मैं भी जनता का प्रतिनिधि हूं। इसके बाद मौजूद लोग और सांगा के समर्थक भी उखड़ गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।

newsaddaindia6
newsaddaindia6
Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »