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Tuesday, August 5, 2025

सुवेंदु अधिकारी के साथ करीब 50 नेताओं ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने राज्य में चुनाव परिणाम आने के बाद हुई हिंसा की घटनाओं को लेकर एक बैठक की। भाजपा नेता ने यह बैठक पार्टी विधायकों के साथ की। बता दें कि अधिकारी पहले तृणमूल कांग्रेस का हिस्सा हुआ करते थे, लेकिन विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था। 

बहरहाल, इस बैठक के बाद सुवेंदु अधिकारी के साथ करीब 50 नेताओं ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा। राज्यपाल धनखड़ ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भाजपा नेता और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने पार्टी विधायकों के प्रतिनिधिमंडल के साथ कोलकाता में राजभवन में मुलाकात की और बंगाल में हो रही कई अनुचित घटनाओं से अवगत कराया और अन्य महत्वपूर्ण मामलों पर बात की।

राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि प्रतिपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी सहित प्रतिपक्ष के 50 विधायकों ने मुझे एक ज्ञापन दिया है और उस ज्ञापन में उन्होंने पश्चिम बंगाल की भयावह स्थिति का वर्णन किया है और प्रमुख रूप से चार बातों की ओर ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में पिछले 10 साल में दल-बदल कानून के तहत कोई कारगर कार्रवाई नहीं हुई। तिलजला और चंदन नगर की घटनाएं, दो सांसदों, विधायकों के साथ क्या हुआ? ये अराजकता है!

धनखड़ ने कहा कि 17 मई के दिन भारत का संविधान कलंकित हुआ, मेगा करप्शन के अंदर जिन 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया, सीबीआई उन्हें अपने दफ्तर ले गई। मुख्यमंत्री वहां 6 घंटे तक रहीं, वहां उन्होंने कहा कि उन्हें छोड़ो वरना मुझे गिरफ्तार करो। मेरा सिर उस दिन शर्म से झुक गया।

राज्यपाल ने हाथ जोड़कर की अपील
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि मैं हाथ जोड़कर सभी से अपील करना चाहता हूं कि हमें खून से लथपथ बंगाल नहीं चाहिए। इस धरती पर हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। रवींद्रनाथ टैगोर ने कहा था कि जहां मन भय से मुक्त हो और मस्तक सम्मान से उठा हो। मैं जानता हूं कि यहां किसी का भी मन भय से मुक्त नहीं है।

उन्होंने कहा कि भय इतना अधिक है कि लोकतंत्र अंतिम सांस ले रहा है। मैं सरकारी अधिकारियों और मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि लोकतंत्र पनपे यह हमारे लिए महत्वपूर्ण है। मुझे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री आवश्यक कदम उठाएंगी और सरकार सकारात्मक रुख अपनाएंगी। हम बंगाल में आग नहीं लगने दे सकते।

राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि राज्य का सांवैधानिक प्रमुख होने के नाते, मैं यह स्पष्ट कर दूं कि बंगाल में दल-बदल विरोधी कानून पूरी तरह से लागू है। यह देश के अन्य हिस्सों की तरह यहां भी लागू है।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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