लखनऊ, 21 मार्च 2025, शुक्रवार। मऊ से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के विधायक और कुख्यात बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी आखिरकार 2 साल 8 महीने की लंबी जेल यात्रा के बाद आजाद हो गए हैं। कासगंज जेल की सलाखों के पीछे बंद अब्बास को सुप्रीम कोर्ट ने 7 मार्च 2025 को जमानत दी थी, जिसके बाद चित्रकूट कोर्ट ने उनकी रिहाई का आदेश जारी किया। दो-दो लाख रुपये के जमानतदारों के साथ कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद जेल प्रशासन ने उन्हें रिहा कर दिया। आजादी की पहली सांस लेते ही अब्बास ने अपने बेटे से मुलाकात की, जो उनके लिए भावनात्मक पल रहा होगा।
अब्बास अंसारी का यह सफर नवंबर 2022 में उस वक्त शुरू हुआ था, जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के तुरंत बाद उन्हें चित्रकूट जेल भेज दिया गया था। उन पर गैंगस्टर एक्ट के साथ-साथ कई गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज थे। ED की जांच में उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और अपराधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगे। इन आरोपों ने अब्बास को लंबे समय तक कानूनी जंजीरों में जकड़े रखा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में दायर उनकी जमानत याचिका ने आखिरकार राहत की किरण दिखाई। 7 मार्च को मिली जमानत के बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी हुई और अब वह जेल से बाहर हैं।
अब्बास के वकील सौभाग्य मिश्रा के मुताबिक, उनके खिलाफ अवैध वित्तीय लेन-देन और आपराधिक गतिविधियों के गंभीर इल्जाम थे। ED ने अपनी जांच में पाया कि अब्बास कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग के खेल में शामिल थे, जिसके चलते गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई हुई। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने इन आरोपों के बीच उन्हें सांस लेने का मौका दिया है।
अब सवाल यह उठता है कि जेल से बाहर आने के बाद अब्बास अंसारी का अगला कदम क्या होगा? क्या वह राजनीति में अपनी सक्रियता बढ़ाएंगे और मऊ में अपनी पार्टी SBSP के लिए नई जमीन तैयार करेंगे? या फिर कानूनी लड़ाइयां उनके लिए आगे भी चुनौती बनी रहेंगी? यह देखना दिलचस्प होगा कि एक बाहुबली के बेटे और विधायक के तौर पर उनकी पहचान अब किस दिशा में बढ़ती है। फिलहाल, उनकी रिहाई उनके समर्थकों के लिए खुशी का मौका लेकर आई है, लेकिन भविष्य में उनकी राह आसान होगी या नहीं, यह वक्त ही बताएगा।