वाराणसी, 9 जून 2025, सोमवार: मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ सदर के पूर्व विधायक अब्बास अंसारी के लिए एक नई उम्मीद की किरण जगी है। हेट स्पीच मामले में मिली दो साल की सजा के खिलाफ उनकी अपील को सेशन कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। अब मंगलवार को इस मामले की सुनवाई होगी, जिस पर सबकी निगाहें टिकी हैं।
31 मई को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अब्बास को 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान दिए गए एक विवादित बयान के लिए दोषी ठहराया था। अब्बास ने एक जनसभा में कहा था कि चुनाव के बाद सरकार बनने पर अधिकारियों का तबादला तब तक नहीं होगा, जब तक “हिसाब-किताब” पूरा नहीं हो जाता। इस बयान को अधिकारियों के लिए धमकी माना गया, जिसके बाद उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। सजा सुनाए जाने के महज 24 घंटे बाद ही उनकी विधानसभा सदस्यता भी छिन गई थी। रविवार को यूपी विधानसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी और मऊ सदर सीट को रिक्त घोषित कर उपचुनाव की सिफारिश की। इस फैसले ने क्षेत्र में राजनीतिक हलचल तेज कर दी है।
राजनीतिक सफर और विवादों का साया
अब्बास ने 2017 में घोसी से राजनीति में कदम रखा, लेकिन उन्हें पूर्व राज्यपाल फागू चौहान के हाथों हार का सामना करना पड़ा। 2022 में उन्होंने अपने पिता मुख्तार अंसारी की परंपरागत सीट मऊ सदर से सुभासपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और बीजेपी के अशोक सिंह को हराकर पहली बार विधायक बने। लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान उनका यह बयान विवादों में घिर गया, जिसने उनकी मुश्किलें बढ़ा दीं।
कानूनी कार्रवाई और सजा
रिप्रेजेंटेटिव्स ऑफ द पीपल एक्ट, 1951 के तहत, किसी जनप्रतिनिधि को दो साल या उससे अधिक की सजा होने पर उनकी सदस्यता स्वतः खत्म हो जाती है। कोर्ट के फैसले के बाद मऊ से लखनऊ तक फाइलें तेजी से पहुंचीं, और विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने अब्बास की सदस्यता रद्द करने का आदेश जारी किया।
अब्बास को निम्नलिखित धाराओं में सजा सुनाई गई:
- IPC धारा 120B: 6 महीने की जेल, ₹1000 जुर्माना।
- IPC धारा 153A: 2 साल की जेल, ₹3000 जुर्माना।
- IPC धारा 171F: 6 महीने की जेल, ₹2000 जुर्माना।
- IPC धारा 189: 2 साल की जेल, ₹3000 जुर्माना।
- IPC धारा 506: 1 साल की जेल, ₹2000 जुर्माना।
क्या होगा अगला मोड़?
अब्बास की अपील स्वीकार होने से उनके समर्थकों में उत्साह है। मंगलवार की सुनवाई से यह तय होगा कि क्या उनकी सजा पर रोक लगेगी या मामला और उलझेगा। दूसरी ओर, मऊ सदर में उपचुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं, जिसने राजनीतिक माहौल को और गर्म कर दिया है। अब्बास के लिए यह कानूनी और राजनीतिक जंग का अहम पड़ाव है, और हर कोई इस मामले के अगले अध्याय का इंतजार कर रहा है!