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Tuesday, July 1, 2025

दिल्ली शराब घोटाले में आप विधायक की बढ़ी मुश्किलें, कैलाश गहलोत को ईडी का समन

Enforcement Directorate issued summons to Kailash Gehlot in Delhi liquor scam today update

आम आदमी पार्टी के एक और नेता की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। दिल्ली शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को समन जारी किया है। पूछताछ के लिए गहलोत ईडी के दफ्तर पहुंच चुके हैं। जहां उनसे ईडी के अधिकारी शराब घोटाले में पूछताछ करने वाले हैं। इससे पहले शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी ने कई बड़े नेता पहले से ही जेल में हैं। मुख्यमंत्री केजरीवाल ईडी की रिमांड पर हैं, तो वहीं मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और सत्येंद्र जैन अन्य मामले में जेल में बंद हैं। 

कैलाश गहलोत की पहले से चल रहे एक और जांच
अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन के बाद कैलाश गहलोत सरकार में सबसे वरिष्ठ और आलाकमान के भरोसेमंद माने जाते हैं। उनके पास इस समय दिल्ली परिवहन के साथ कई अन्य महत्त्वपूर्ण विभाग हैं। लेकिन कैलाश गहलोत पर पहले ही डीटीसी बसों की खरीद में घोटाले करने के आरोप हैं। भाजपा ने आरोप लगाया था कि कैलाश गहलोत के परिवहन मंत्री रहते हुए दिल्ली सरकार ने एक हजार डीटीसी बसों की खरीद प्रक्रिया शुरू की थी। भाजपा का आरोप है कि इन 1000 बसों की खरीद और इनके रखरखाव मामले में भ्रष्टाचार किया गया है। 

शराब घोटाला मामले में ईडी रिमांड पर हैं सीएम केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बृहस्पतिवार राउज एवेन्यू कोर्ट से राहत नहीं मिली। अदालत ने ईडी रिमांड चार दिन के लिए बढ़ा दी। सुनवाई के दौरान रिमांड बढ़ाने की मांग करते हुए जांच एजेंसी के वकील ने कहा कि मुख्यमंत्री जांच में नहीं कर रहे सहयोग हैं। मामले से जुड़े कुछ और लोगों से सीएम का सामना करवाना है। वहीं, सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि आबकारी नीति बनने के दौरान कोई घोटाला नहीं हुआ। साथ में आरोप भी लगाया कि ईडी का मकसद आम आदमी पार्टी (आप) को खत्म करना है।

केजरीवाल कोर्ट में बोले- मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं
इससे पहले छह दिन की रिमांड खत्म होने के बाद ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बृहस्पतिवार दोपहर बाद दो बजे राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। अरविंद केजरीवाल ने इस मौके पर अपना पक्ष रखा। करीब दस मिनट तक अपनी दलीलें रखने के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि ईडी का मकसद उन्हें फंसाना था। भले ही उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। ईडी की रिमांड का विरोध नहीं कर रहे। वह जितने दिन चाहे उन्हें हिरासत में रख सकती है। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि ईडी आप को खत्म करना चाहती है। साथ में पैसे इकट्ठा करने के लिए जांच एजेंसी जबरन वसूली का रैकेट भी चला रही है।

पहले जानिए दिल्ली की नई शराब नीति क्या थी? 
17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति लागू की। इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं। इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं। नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं। नई नीति लागू होने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट हो गईं। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा। 

सरकार ने लाइसेंस की फीस भी कई गुना बढ़ा दी। जिस एल-1 लाइसेंस के लिए पहले ठेकेदारों को 25 लाख देना पड़ता था, नई शराब नीति लागू होने के बाद उसके लिए ठेकेदारों को पांच करोड़ रुपये चुकाने पड़े। इसी तरह अन्य कैटेगिरी में भी लाइसेंस की फीस में काफी बढ़ोतरी हुई। 

घोटाले के आरोप क्यों लगे?
नई शराब नीति से जनता और सरकार दोनों को नुकसान होने का आरोप है। वहीं, बड़े शराब कारोबारियों को फायदा होने की बात कही जा रही है। भारतीय जनता पार्टी का यही आरोप है। तीन तरह से घोटाले की बात सामने आ रही है। इसे समझने के लिए हम थोड़ा आंकड़ों पर नजर डाल लेते हैं।

जानें कैसे शुरू हुई घोटाले की जांच?
इस शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितता की शिकायतें आईं जिसके बाद उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। इसके साथ ही दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 सवालों के घेरे में आ गई। हालांकि, नई शराब नीति को बाद में इसे बनाने और इसके कार्यान्वयन में अनियमितताओं के आरोपों के बीच रद्द कर दिया गया था।

सीबीआई ने अगस्त 2022 में इस मामले में 15 आरोपियों के खिलाफ नियमों के कथित उल्लंघन और नई शराब नीति में प्रक्रियागत गड़बड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की। बाद में सीबीआई द्वारा दर्ज मामले के संबंध में ईडी ने पीएमएलए के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच शुरू कर दी। 

ईडी और सीबीआई दिल्ली सरकार की नई शराब नीति में कथित घोटाले की अलग-अलग जांच कर रही हैं। ईडी नीति को बनाने और लागू करने में धन शोधन के आरोपों की जांच कर रही है। वहीं, सीबीआई की जांच नीति बनाते समय हुई कथित अनियमितताओं पर केंद्रित है। 

शराब नीति घोटाले मामले में ईडी इससे पहले अब तक 15 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी थी और आज अरविंद केजरीवाल के घर पर पहले छापेमारी फिर तलाशी और बाद में गिरफ्तारी की। 

1: विजय नायर
2: अभिषेक बोइनपल्ली
3: समीर महेंद्रू
4: पी सरथ चंद्रा
5: बिनोय बाबू
6: अमित अरोड़ा 
7: गौतम मल्होत्रा 
8: राघव मंगुटा
9: राजेश जोशी
10: अमन ढाल
11: अरूण पिल्लई
12: मनीष सिसोदिया 
13: दिनेश अरोड़ा 
14: संजय सिंह
15: के. कविता

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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