नई दिल्ली, 28 फरवरी 2025, शुक्रवार। दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने विज्ञापनों पर बेतहाशा रुपये खर्च किए हैं। CAG यानी Comptroller and Auditor General द्वारा सरकारी खर्चों पर आधारित रिपोर्ट में कहा गया है कि AAP सरकार ने 2018 से 2022 के बीच विज्ञापनों पर खर्च 1200% बढ़ा दिया।
विज्ञापन पर खर्च का आंकड़ा
2018 में जहाँ 46.90 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, वो 2022 तक बढ़कर 612.80 करोड़ रुपये हो गए।
5 साल में 1200 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट के नियमों का उल्लंघन
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि ये खर्च सुप्रीम कोर्ट के नियमों को तोड़ते हुए किया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, CAG ने पाया कि विज्ञापनों के लिए कोई ठीक प्लानिंग नहीं हुई। न तो ये तय किया गया कि विज्ञापन किसे दिखाना है, न ही बाद में चेक किया कि इसका असर क्या हुआ।
विज्ञापन देने वाली एजेंसियों के खिलाफ केस
विज्ञापन देने वाली एजेंसियों ने कई कोर्ट्स, ट्रिब्यूनल में आम आदमी पार्टी/सरकार के खिलाफ केस दर्ज कराए हैं, जिसमें विज्ञापन सेवा के बदले भुगतान न किए जाने की बात है। इन सभी मामलों की जाँच के लिए दिल्ली के L-G वीके सक्सेना ने आदेश भी दिए थे, इसके बावजूद आम आदमी पार्टी ने सभी नियमों का उल्लंघन करते हुए जमकर विज्ञापन जारी किए।