वाराणसी, 9 अक्टूबर 2024, बुधवार। कण-कण में शिव को रमाये और समाये काशी विश्वनाथ धाम में आदिशक्ति ने असुर संहार किया। मां दुर्गा ने महायुद्ध कर महिषासुर का वध किया तो चहुंओर ‘जयती-जयती जय जगत जननी’ गूंज उठा।
श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर न्यास द्वारा संकल्पित शारदीय नवरात्रि महापर्व पर्व में मंगलवार को धाम स्थित मन्दिर चौक में नृत्य नाटिका ‘दुर्गा दुर्गतिनाशिनी’ (महिषासुरमर्दिनी स्तोत्र नृत्य) की अद्भुत एवं अविस्मरणीय प्रस्तुति हुई।
गौरी कलामंडप द्वारा डॉ. दिव्या श्रीवास्तव के निर्देशन में अर्द्धनारीश्वर, दुर्गा स्तुति, काली स्तुति, कार्तिकेय स्तुति के उपरांत महिषासुर की तपस्या व ब्रह्मा का वरदान, महिषासुर का अत्याचार, ब्रह्मा, विष्णु तथा महेश द्वारा मां दुर्गा की उत्पति, नौ दुर्गा द्वारा विभिन्न असुरों का संहार, मां दुर्गा एवं महिषासुर में महासंग्राम एवं महिषासुर के वध आदि प्रसंगों का मंचन हुआ।
कलाकारों एवं शक्ति स्वरूपा कन्याओं का सम्मान श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के डिप्टी कलेक्टर ने रुद्राक्ष माला एवं अंगवस्त्रम प्रदान कर किया।
मंदिर न्यास ने अधिष्ठात्री देवी मां कात्यायनी के सिद्धपीठ एवं धाम के सन्निकट स्थित राज-राजेश्वरी देवी को श्रृंगार सामग्री भगवान विश्वेश्वर को अवलोकित कराकर भेंट स्वरूप भेजा।