27.1 C
Delhi
Thursday, April 25, 2024

दिल्ली की तीन जेलों में कुल 46 कैदी और 43 स्टाफ कोविड संक्रमित

दिल्ली की जेलों में भी कोरोना धीरे-धीरे अपने पांव पसार रहा है। अब तक दिल्ली की तीन जेलों में कुल 46 कैदी और 43 स्टाफ कोविड संक्रमित हो चुके हैं। यह जानकारी एक अधिकारी ने सोमवार को दी है।

एक वरिष्ठ जेल अधिकारी ने बताया कि सभी संक्रमित कैदियों और स्टाफ को आइसोलेशन में रखा गया है और वह धीरे-धीरे ठीक भी हो रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार रविवार तक तिहाड़ में कुल 29 कैदी और मंडोली जेल में 17 कैदी संक्रमित हुए थे। वहीं 43 संक्रमित स्टाफ में से 25 तिहाड़ जेल, 12 रोहिणी जेल और छह मंडोली जेल के कर्मी हैं।

तिहाड़ जेल में स्थापित ऑक्सीजन संयंत्र चार दिन में काम करना शुरू कर देगा। कोरोना संक्रमण को देखते हुए तिहाड़, रोहिणी और मंडोली में स्थित सभी अस्पतालों और डिस्पेंसरी में कोविड मरीजों की देखभाल के इस्तेमाल करने का फैसला किया गया है।

 

जेल अधिकारियों ने बताया कि तिहाड़, मंडोली और रोहिणी जेल परिसरों में वायरल बीमारी के बढते मामले को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। ऐसे कैदियों के लिए आइसोलेशन सेंटर बनाए गए हैं। कोरोना संक्रमित कैदियों को इन सेंटरों में रखा जाएगा।

 

अधिकारियों ने बताया कि तिहाड़ में जेल नंबर एक से नौ, रोहिणी कॉम्प्लेक्स में जेल नंबर 10 जबकि मंडोली जेल कॉम्प्लेक्स में जेल नंबर 11 से 16 तक है।तिहाड़ में 120 बिस्तरों वाले अस्पताल और मंडोली में 48 बिस्तरों की सुविधा वाले अस्पताल हैं। जबकि अन्य जेलों में डिस्पेंसरी है। मरीजों के इलाज के लिए 50 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और 100 से ज्यादा सिलेंडर और जरूरी दवाएं उपलब्ध है।

सभी को कोविड स्वास्थ्य केंद्रों में बदल दिया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि किसी कोविड संक्रमित कैदी की हालत गंभीर होती है, तो उसे तुरंत गुरु तेग बहादुर अस्पताल, लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल या दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में भेज दिया जाता है। उन्होंने बताया कि जेल प्रशासन ने कैदी और कर्मचारियों के लिए चार समितियां बनाई हैं जो कोविड के सकारात्मक परीक्षण करते हैं। इसमें जेल कर्मचारी और अधिकारी हैं

जेल निदेशक  संदीप गोयल ने कहा हम कोविड की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। पहली और दूसरी लहर में भी हमने कई कड़े कदम उठाए थे और यही कारण था कि हम संक्रमण दर कम और हताहतों की संख्या को न्यूनतम रख पाए। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग कैदियों के लिए एक अलग बैरक बनाते हैं जहां कुछ युवा कैदियों को अपने साथ रखते हैं। इन कैदियों के तापमान और ऑक्सीजन के स्तर की रोजाना जांच की जाती है और अगर किसी में कोई कोविड लक्षण दिखाई देता है, तो उन्हें तुरंत अलग कर दिया जाता है। नए कैदियों को रैपिड-एंटीजन टेस्ट होता है और उन्हें 10 दिन अलग रखा जाता है।

 

जहां तक संभव हो स्टाफ और कैदियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाता है। अधिकारियों ने कहा कि कैदियों को ज्यादातर अपने वार्डों तक ही सीमित रखा जाता है और कोविड मानदंडों का पालन करने के बारे में एक शैक्षिक और जागरूकता कार्यक्रम नियमित रूप से चलाया जाता है।

anita
anita
Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles