वाराणसी, 29 मई 2025, गुरुवार। वाराणसी के पंचगंगा घाट पर गंगा की लहरों ने एक मासूम सपने को लील लिया। 16 साल का शौर्य सेठ, जो गुरुवार की सुबह-सुबह क्रिकेट का बल्ला थामे हंसी-खुशी घर से निकला था, अब अपने परिवार के लिए सिर्फ आंसुओं की सौगात छोड़ गया। पंचगंगा घाट पर उसका शव तैरता मिला, और इस खबर ने पूरे मोहल्ले को गमगीन कर दिया।
शौर्य, जैतपुरा थानाक्षेत्र के औसानगंज का निवासी, सुबह 5 बजे अपनी मां से क्रिकेट खेलने की बात कहकर घर से निकला था। मां के चेहरे पर शायद उस वक्त एक मुस्कान रही होगी, यह सोचकर कि उनका लाडला दोस्तों के साथ मस्ती करेगा। लेकिन जब सुबह 8 बजे तक शौर्य घर नहीं लौटा, तो परिवार का दिल बेचैन होने लगा। पिता विनोद सेठ ने फोन मिलाया, पर शौर्य का फोन स्विच ऑफ था। चिंता की लकीरें गहरी हुईं, और परिजन उसे ढूंढने निकल पड़े। दोस्तों से पूछताछ की, पर कोई सुराग नहीं मिला।
तभी एक दिल दहलाने वाली खबर आई—पंचगंगा घाट पर एक किशोर का शव मिला है। विनोद दौड़े-दौड़े घाट पहुंचे, और वहां का मंजर देख उनका दिल टूट गया। वह शव उनके इकलौते बेटे शौर्य का था। विनोद बार-बार गश खाकर गिर रहे थे, और काल भैरव चौकी इंचार्ज ने उन्हें संभाला। घर में कोहराम मच गया; मां और परिवार की महिलाओं के आंसुओं ने सन्नाटे को और गहरा कर दिया।
क्या हुआ था उस सुबह? शौर्य क्रिकेट खेलने की बात कहकर घर से निकला, फिर गंगा के किनारे कैसे पहुंचा? यह सवाल हर किसी के जेहन में कौंध रहा है। मोहल्ले में सन्नाटा पसरा है, और लोग स्तब्ध हैं कि आखिर वह हंसता-खेलता किशोर इस हादसे का शिकार कैसे बन गया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, लेकिन शौर्य के डूबने की वजह अब भी रहस्य बनी हुई है।
यह कहानी सिर्फ एक हादसे की नहीं, बल्कि एक परिवार के टूटे सपनों और अनगिनत सवालों की है, जिनका जवाब शायद गंगा की गहराइयों में कहीं खो गया है।