वाराणसी, 12 जून 2025, गुरुवार: वाराणसी के प्रतिष्ठित बीएचयू अस्पताल के सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक में एमआरआई और अल्ट्रासाउंड मशीनों के टेंडर में चौंकाने वाली जालसाजी का पर्दाफाश हुआ है। शिक्षा मंत्रालय की सतर्कता टीम और बीएचयू कुलपति के निर्देश पर गठित जांच समिति ने अपनी गहन पड़ताल में धोखाधड़ी के सबूत पाए। इसके बाद बीएचयू प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए टेंडर को रद्द कर दिया।
हालांकि, एमआरआई मशीन अस्पताल में पहुंच चुकी थी, लेकिन टेंडर प्रक्रिया में फर्जी जीएसटी नंबर के इस्तेमाल की शिकायत ने पूरे मामले को उजागर किया। इस गंभीर मामले की जांच के लिए 10 मार्च को प्रो. आरके लोधवाल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी बनाई गई, जिसने 31 मई को अपनी विस्तृत रिपोर्ट कुलपति को सौंपी।
पांच लोगों पर कसा कानून का शिकंजा
20 मार्च को लंका थाने में इस जालसाजी के सिलसिले में पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। इनमें अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो. कैलाश कुमार, रेडियोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. एएनडी द्विवेदी और उपकुलसचिव रश्मि रंजन जैसे बड़े नाम शामिल हैं। लंका पुलिस के जांच अधिकारी ने दस्तावेजों की गहन छानबीन की, जिसने मामले की गंभीरता को और स्पष्ट किया।
निदेशक ने की कड़ी कार्रवाई
बीएचयू अस्पताल के निदेशक प्रो. एसएन संखवार ने जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर टेंडर को तत्काल निरस्त करने का फैसला लिया। उन्होंने कहा, “नियमों के अनुसार आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।”