महाकुंभ अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता के लिए चर्चित रहा है, लेकिन इस बार नाविकों की सफलता की कहानी भी सामने आई है। 20 हजार से अधिक नाविकों ने संगम में श्रद्धालुओं को पुण्य की डुबकी लगवा कर न केवल अपने परिवारों का भरण-पोषण किया, बल्कि कई परिवारों ने आर्थिक समृद्धि की कहानी भी लिखी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में महाकुंभ के दौरान नाविकों की भूमिका को लेकर विपक्ष के सभी आरोपों को न केवल नकार दिया बल्कि उदाहरण के साथ स्पष्ट किया कि सरकार ने कभी भी उनका शोषण नहीं किया है।
उदाहरण देते हुए कहा, “एक नाविक परिवार के पास 130 नावें थीं और 45 दिनों की अवधि में उस परिवार ने 30 करोड़ रुपये की शुद्ध कमाई की। यानी एक नाव ने 45 दिनों में 23 लाख रुपये की कमाई की, जो इस मेले के रोजगार आधारित आय के बढ़ने का स्पष्ट उदाहरण है।”