वाराणसी, 19 अगस्त 2025। आगामी 11 सितंबर को काशी की पावन धरती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम की बहुप्रतीक्षित मुलाकात होगी। 9 से 15 सितंबर तक भारत के दौरे पर आए रामगुलाम की यह यात्रा दोनों देशों के बीच रिश्तों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का मंच तैयार करेगी। चार माह बाद दोनों नेताओं की यह आमने-सामने की पहली भेंट होगी, जिसमें व्यापार, पर्यटन, प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक सहयोग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन विचार-विमर्श होगा।
प्रशासनिक तैयारियां जोरों पर
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के निर्देश मिलते ही वाराणसी प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। केंद्र सरकार ने वाराणसी मंडल के कमिश्नर एस. राजलिंगम को इस आयोजन का नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। सुरक्षा व्यवस्था, अतिथियों के ठहरने और स्वागत-सत्कार की व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
सांस्कृतिक धरोहरों से रू-ब-रू होंगे रामगुलाम
मॉरीशस के प्रधानमंत्री अपने काशी प्रवास के दौरान काशी विश्वनाथ धाम, कालभैरव मंदिर, सारनाथ और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का दौरा करेंगे। यह भ्रमण भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को मॉरीशस के साथ साझा करने का अवसर होगा।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री करेंगे विशेष आयोजन
मॉरीशस के प्रधानमंत्री के सम्मान में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक विशेष रात्रिभोज का आयोजन करेंगे। इस आयोजन में दोनों देशों के प्रमुख प्रतिनिधि शामिल होंगे, जो आपसी सहयोग को और मजबूत करने का आधार तैयार करेगा।
छह साल बाद काशी में दोहराएगी इतिहास
इससे पहले 2019 में प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर पीएम मोदी और मॉरीशस के तत्कालीन प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने काशी में मुलाकात की थी। अब एक बार फिर काशी भारत-मॉरीशस के बीच सांस्कृतिक और कूटनीतिक रिश्तों की साक्षी बनने जा रही है।
यह मुलाकात न केवल दोनों देशों के बीच मैत्री को प्रगाढ़ करेगी, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में काशी की पहचान को और मजबूत करेगी।