नई दिल्ली, 31 दिसंबर 2024, मंगलवार। भारतीय अंतरिक्ष संस्थान इसरो ने अपने नए मिशन पीएसएलवी रॉकेट के जरिए ‘स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट’ को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। यह मिशन भारत के अंतरिक्ष मिशन में मील का पत्थर साबित होगा और भारत को दुनिया के चुनिंदा देशों में शामिल करेगा जिन्होंने अंतरिक्ष में डॉकिंग की है।
इस मिशन का नाम स्पैडेक्स रखा गया है और इसमें दो उपग्रहों को अंतरिक्ष में परस्पर जोड़ा और अलग किया जाएगा। पीएसएलवी रॉकेट में दो अंतरिक्ष यान- स्पेसक्राफ्ट ए (एसडीएक्स 01) और स्पेसक्राफ्ट बी (एसडीएक्स 02) को एक ऐसी कक्षा में रखा जाएगा जो उन्हें एक दूसरे से पांच किलोमीटर दूर रखेगी।
इसके बाद, इसरो मुख्यालय के वैज्ञानिक उन्हें तीन मीटर तक करीब लाने की कोशिश करेंगे, जिसके बाद वे पृथ्वी से लगभग 470 किलोमीटर की ऊंचाई पर परस्पर मिलकर एक हो जाएंगे। इस प्रक्रिया को डॉकिंग कहते हैं और इसके बाद इन दोनों उपग्रहों को अलग यानी अन डॉकिंग भी किया जाएगा।
इस मिशन की सक्सेस भारत के आगामी मिशनों चंद्रयान-4, खुद का स्पेस स्टेशन और चांद पर भारतीय यात्री का पैर रखना जैसे सपनों को साकार करेगी। इसरो ने कहा है कि स्पैडेक्स कक्षीय डॉकिंग में भारत की क्षमता स्थापित करने का एक महत्वाकांक्षी मिशन है, जो भविष्य में मानव युक्त अंतरिक्ष मिशन और उपग्रह सेवा मिशनों के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीक है।