वाराणसी, 30 मई 2025, शुक्रवार। पूर्वांचल के लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी! अब गंभीर बीमारियों जैसे हृदय रोगों के इलाज के लिए लखनऊ, नोएडा या दिल्ली की लंबी यात्रा नहीं करनी पड़ेगी। वाराणसी के रिंग रोड फेज-टू के किनारे, बड़ालालपुर में करीब तीन एकड़ जमीन पर 600 करोड़ रुपये की लागत से 400 बेड का अत्याधुनिक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनने जा रहा है। यह अस्पताल न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांति लाएगा, बल्कि क्षेत्र के विकास में भी मील का पत्थर साबित होगा।
तेजी से बढ़ रही है निर्माण की प्रक्रिया
इस मेगा प्रोजेक्ट के लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) में अस्पताल का नक्शा जमा कर दिया गया है। फायर, प्रदूषण, जल निगम और मेडिकल हेल्थ विभागों से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लेने की प्रक्रिया जोरों पर है। जिला प्रशासन ने संबंधित विभागों को जल्द से जल्द एनओसी जारी करने के निर्देश दिए हैं। पिछले साल ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में इस परियोजना के लिए 600 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की गई थी, और अब यह सपना हकीकत की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
हाल ही में अस्पताल के स्थानीय प्रबंधक ने जिला उद्योग व प्रोत्साहन केंद्र के अधिकारियों से मुलाकात कर परियोजना की प्रगति पर चर्चा की। 30 मई को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक अहम बैठक होगी, जिसमें सभी निवेशक और विभागीय अधिकारी शामिल होंगे।
हृदय रोगों का विशेष केंद्र, रोजगार के नए अवसर
यह अस्पताल खास तौर पर हृदय रोगों के इलाज के लिए समर्पित होगा, जो इसे क्षेत्र में एक अनूठा स्वास्थ्य केंद्र बनाएगा। इसके अलावा, यह परियोजना लगभग 2,000 लोगों के लिए रोजगार के नए द्वार खोलेगी। वाराणसी के साथ-साथ चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, बलिया, मऊ, आजमगढ़, भदोही, मिर्जापुर, सोनभद्र और बिहार के कुछ जिलों के मरीजों को इस अस्पताल से विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी।
अधिकारी ने कही बड़ी बात
उपायुक्त उद्योग मोहन शर्मा ने कहा, “600 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह अपोलो सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल पूर्वांचल के लिए गेम-चेंजर साबित होगा। जमीन का चयन हो चुका है, और वीडीए समेत अन्य विभागों से एनओसी की प्रक्रिया तेजी से चल रही है।”
यह अस्पताल न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाएगा, बल्कि काशी और आसपास के क्षेत्रों में आर्थिक और सामाजिक विकास को भी नई गति देगा।