वाराणसी, 31 जनवरी 2025, शुक्रवार। वाराणसी में गंगा नदी में शुक्रवार सुबह एक बड़ा हादसा टल गया। एक मोटर बोट और एक छोटी नाव की टक्कर हो गई, जिससे छोटी नाव गंगा में डूबने लगी। घटना दशाश्वमेध घाट के सामने हुई। जल पुलिस और NDRF की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और छोटी नाव के पर्यटकों को बड़ी नाव में शिफ्ट किया गया। सभी पर्यटक सुरक्षित है। जल पुलिस ने बताया कि अस्सी घाट से 6 सवारियों को बैठाकर एक छोटी मोटर बोट मणिकर्णिका घाट से लौट रही थी। तभी उसकी बड़ी मोटर बोट से टक्कर हो गई, जिसमें उड़ीसा के 58 लोग बैठे हुए थे। टक्कर से छोटी नाव का बैलेंस बिगड़ गया और वह डूबने लगी। बड़ी बोट में बैठे लोगों ने छोटी नाव में सवार 6 लोगों को डूबने से बचाया।
घटना की सूचना पर वाराणसी पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल भी मौके पर पहुंचे। जल पुलिस प्रभारी ने बताया कि दोनों बोट के नाविक मालिकों पर कार्रवाई की जा रही है। सभी घाटों पर अनाउंसमेंट कराया जा रहा है कि क्षमता से अधिक यात्रियों को न बैठाएं और सभी को लाइफ जैकेट अनिवार्य रूप से पहनाएं। अगर कोई भी नाव में बिना लाइफ जैकेट के सवारी बैठाए दिखा तो उसकी नाव सीज की जाएगी।
काशी में महाकुंभ: प्रशासन की लापरवाही ने बढ़ाया हादसे का खतरा
वाराणसी में गंगा नदी में नाव पलटने की घटना ने प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है। समाजवादी पार्टी के प्रदेश महासचिव किशन दीक्षित ने इस घटना की निंदा की है और कहा है कि महाकुंभ में प्रशासन की लापरवाही के चलते बड़ा हादसा हुआ है। उन्होंने कहा कि काशी में महाकुंभ के अवसर पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का जत्था आया है, लेकिन प्रशासन की ओर से इंतज़ाम नाकाफ़ी है। नावों की सुरक्षा व्यवस्था, जीवनरक्षक उपकरणों की कमी, और आपातकालीन सेवाओं की अनुपलब्धता ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है।
ऐसे में काशी में भी बड़े हादसे होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि हमें अपनी सुरक्षा और सावधानी के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। प्रशासन को भी अपनी जिम्मेदारी को समझना चाहिए और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।