इंदौर, 20 मई 2025, मंगलवार। इंदौर का राजवाड़ा 20 मई 2025 को इतिहास के पन्नों में एक नया अध्याय जोड़ेगा। इस दिन मध्यप्रदेश मंत्रि-परिषद की विशेष बैठक लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में राजवाड़ा में आयोजित होगी। यह बैठक न केवल इंदौर के लिए गौरव का क्षण होगी, बल्कि ऐतिहासिक निर्णयों की साक्षी भी बनेगी।
लोकमाता को समर्पित बैठक
लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के उद्देश्य से आयोजित इस कैबिनेट बैठक के लिए राजवाड़ा को आधुनिक और पारंपरिक शैली में सजाया गया है। मालवी संस्कृति की झलक लिए प्रकाश, पुष्प और पारंपरिक सजावट से राजवाड़ा को भव्य स्वरूप प्रदान किया गया है। बैठक की सभी तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं। यह पहला अवसर होगा जब मंत्रि-परिषद इस ऐतिहासिक स्थल पर जनहितकारी नीतियों पर विचार-मंथन करेगी।
बैठक का शुभारंभ और मालवी आतिथ्य
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मंत्रीगण लोकमाता की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर बैठक की शुरुआत करेंगे। इसके बाद भूतल पर आयोजित बैठक में प्रदेश के विकास, सुशासन और जनकल्याणकारी योजनाओं पर चर्चा होगी। बैठक के बाद प्रथम तल पर मालवी परंपरा में अतिथियों का स्वागत और पारंपरिक भोज का आयोजन होगा, जिसमें दाल-बाटी, दही बड़ा, मावा-बाटी जैसे व्यंजन परोसे जाएंगे।
सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था
बैठक के लिए राजवाड़ा परिसर में अस्थायी सचिवालय स्थापित किया गया है, जहां सभी प्रशासनिक गतिविधियां संचालित होंगी। सुरक्षा के लिए विशेष पुलिस बल तैनात है, और परिवहन, आवास व अन्य व्यवस्थाओं के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के सहयोग के लिए लाइजनिंग अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
लोकमाता के जीवन पर प्रदर्शनी
बैठक के साथ-साथ लोकमाता अहिल्याबाई के जीवन, व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित प्रदर्शनी आयोजित होगी। इसमें उनके त्याग, सेवा, प्रशासनिक कौशल, धार्मिक सहिष्णुता और समाज कल्याण के कार्यों को चित्रों और अन्य माध्यमों से दर्शाया जाएगा। इसके अतिरिक्त, सरकार की सुशासन, न्यायप्रियता, महिला सशक्तिकरण और जनकल्याण पर आधारित योजनाओं पर केंद्रित एक प्रदर्शनी भी होगी, जिसमें इंदौर के विकास को भी प्रदर्शित किया जाएगा।
राजवाड़ा संरक्षण परियोजना
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राजवाड़ा के संरक्षण और पुनर्स्थापन के लिए 11 करोड़ 21 लाख रुपये की स्वीकृति दी है। इस राशि से दरबार हॉल के संरक्षण का कार्य होगा, जिसका भूमि-पूजन भी प्रस्तावित है। यह आयोजन न केवल लोकमाता के आदर्शों को सम्मान देगा, बल्कि राजवाड़ा को मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक और प्रशासनिक विरासत के केंद्र के रूप में और सशक्त करेगा।