वाराणसी, 22 जून 2025: सावन का पवित्र महीना आते ही काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धा की गंगा लहराएगी! 11 जुलाई से 9 अगस्त तक बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए करीब 1.5 करोड़ भक्तों के उमड़ने की उम्मीद है। इस बार मंदिर प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने और सभी श्रद्धालुओं को समान अवसर देने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। VIP प्रोटोकॉल पूरी तरह रद्द कर दिया गया है और स्पर्श दर्शन पर भी रोक रहेगी। काशी में बाबा के भक्तों का उत्साह चरम पर है, और मंदिर न्यास ने इसे यादगार बनाने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं।
VIP भी लगेंगे लाइन में, मोबाइल-बैग पर सख्त पाबंदी
काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने साफ कर दिया है कि इस सावन कोई भी VIP गर्भगृह तक सीधे नहीं पहुंच सकेगा। हर भक्त को आम श्रद्धालु की तरह कतार में लगकर दर्शन करना होगा। मंदिर परिसर में CCTV और सुरक्षा कर्मियों की चौकसी रहेगी। साथ ही, मोबाइल फोन, स्मार्टवॉच, बेल्ट, बैग, पेन, इयरफोन, सिक्के और धातु की वस्तुओं पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। लॉकर सुविधा भी बंद रहेगी, इसलिए श्रद्धालु केवल गंगाजल लेकर ही मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे।
स्थानीय भक्तों के लिए विशेष सुविधा
काशी के स्थानीय भक्तों के लिए मंदिर प्रशासन ने खास व्यवस्था की है। सुबह 4 से 5 बजे और शाम 4 से 5 बजे तक (सोमवार और पर्व को छोड़कर) विशेष दर्शन का समय आरक्षित रहेगा। यह सुविधा मंगलवार से रविवार तक लागू होगी, ताकि स्थानीय लोग भी बाबा के दर्शन आसानी से कर सकें।
भीड़ प्रबंधन के लिए अभूतपूर्व इंतजाम
मंदिर न्यास ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की हैं:
- हर 100 मीटर पर पीने के पानी की सुविधा।
- महिलाओं और बुजुर्गों के लिए विशेष सहायता टीमें।
- मेडिकल स्टाफ की तैनाती और आपातकालीन सहायता।
- ज़िग-ज़ैग कतार की व्यवस्था, जिससे भीड़ नियंत्रित रहे।
घर बैठे करें बाबा के दर्शन
देश-विदेश के भक्तों के लिए मंदिर न्यास ने LIVE दर्शन की शानदार व्यवस्था की है। आप श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की वेबसाइट (www.shrikashivishwanath.org) (www.shrikashivishwanath.org), मंदिर न्यास के YouTube चैनल, और Tata Sky जैसे DTH चैनलों पर बाबा के दर्शन कर सकेंगे।
मंदिर न्यास की भक्तों से खास अपील
- “प्रोटोकॉल दर्शन” के झांसे में न आएं। कोई पैसे लेकर दर्शन का वादा करे तो तुरंत शिकायत करें।
- खाली पेट दर्शन के लिए न आएं। कतार में 8-10 घंटे लग सकते हैं, इसलिए भोजन और स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
- प्रतिबंधित वस्तुएं होटल में छोड़ें, मंदिर में न लाएं।
क्यों खास है सावन में शिव की आराधना?
- स्कंद पुराण के अनुसार, सावन मास भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है।
- माता पार्वती ने सावन में तप कर शिव जी को पति रूप में प्राप्त किया था।
- वर्षा ऋतु में ताजे फूल-पत्ते शिव पूजा के लिए सर्वोत्तम माने जाते हैं।