नई दिल्ली, 11 जुलाई 2025: गुरुग्राम के पॉश सुशांत लोक इलाके में एक ऐसी घटना ने सबको हिलाकर रख दिया, जिसने न सिर्फ एक परिवार को तोड़ा, बल्कि कई सवाल भी खड़े कर दिए। पूर्व टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की गोली मारकर हत्या और इस हत्याकांड में उनके पिता दीपक यादव का नाम सामने आना, इस मामले को और रहस्यमयी बना रहा है। दीपक ने पुलिस के सामने हत्या की बात कबूल कर ली, लेकिन उनके दावे और उनके दोस्त के खुलासों ने इस कहानी में नया मोड़ ला दिया है। आखिर क्या है इस हत्याकांड की सच्चाई? चलिए, इस मामले को करीब से समझते हैं।
दीपक यादव का कबूलनामा और उसका सच
पुलिस के अनुसार, 49 वर्षीय दीपक यादव ने अपनी 25 वर्षीय बेटी राधिका की हत्या की बात स्वीकार की है। उनका कहना है कि राधिका की कमाई पर निर्भर रहने के ताने उन्हें इतना परेशान करते थे कि गुस्से में आकर उन्होंने यह कदम उठाया। लेकिन क्या यह बात पूरी तरह सच है? दीपक के दोस्त के खुलासों ने इस दावे पर सवाल उठा दिए हैं।
दीपक के वजीराबाद गांव के दोस्त ने बताया कि दीपक एक सफल कारोबारी हैं, जिनके पास गुरुग्राम में कई संपत्तियां हैं। इन संपत्तियों से उन्हें हर महीने 15 से 17 लाख रुपये का किराया मिलता है। उनके पास एक लाइसेंसी रिवॉल्वर और गुरुग्राम में एक आलीशान कोठी भी है। ऐसे में यह दावा कि दीपक अपनी बेटी की कमाई पर निर्भर थे, कई लोगों को हैरान कर रहा है। दोस्त ने कहा, “जब इतना पैसा है, तो कौन गांववाला कहेगा कि वो अपनी बेटी के पैसों पर पल रहा है?”
राधिका के लिए पिता का बेपनाह प्यार
दीपक के दोस्त ने यह भी बताया कि दीपक अपनी बेटी राधिका से बहुत प्यार करते थे। राधिका को टेनिस में करियर बनाने के लिए उन्होंने उसकी पढ़ाई तक छुड़वा दी थी। इतना ही नहीं, उन्होंने अपनी बेटी के लिए 2 लाख रुपये के टेनिस रैकेट तक खरीदे थे। दोस्त का कहना है कि दीपक बहुत सुलझा हुआ इंसान है और हत्या के पीछे कोई निजी वजह हो सकती है, न कि टेनिस या टेनिस अकादमी से जुड़ा कोई विवाद।
हालांकि, पुलिस का दावा है कि राधिका की टेनिस अकादमी ही पिता और बेटी के बीच तनाव का कारण थी। इस दावे ने इस केस को और उलझा दिया है।
हत्याकांड का वो भयावह दिन
यह दिल दहलाने वाली घटना गुरुग्राम के सेक्टर 57 में दीपक के दो मंजिला मकान में 10 जुलाई गुरुवार की सुबह हुई। राधिका के चाचा कुलदीप यादव के मुताबिक, सुबह करीब 10:30 बजे एक तेज आवाज सुनाई दी। जब वे पहली मंजिल पर पहुंचे, तो राधिका रसोई में खून से लथपथ पड़ी थीं। पास ही ड्राइंग रूम में रिवॉल्वर पड़ा था। कुलदीप और उनके बेटे पीयूष ने राधिका को तुरंत सेक्टर 56 के एशिया मैरिंगो अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
प्राथमिकी के अनुसार, उस समय घर की पहली मंजिल पर सिर्फ दीपक, उनकी पत्नी मंजू और राधिका ही मौजूद थे। दीपक का बेटा धीरज वहां नहीं था। पुलिस ने जब मंजू से पूछताछ की, तो उन्होंने बुखार होने की बात कहकर ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया। हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा कि उनकी बेटी का चरित्र एकदम साफ था।
अनसुलझे सवाल और पुलिस की जांच
पुलिस इस मामले की हर संभावना की जांच कर रही है। राधिका की मां मंजू उस समय क्या कर रही थीं? हत्या का असली मकसद क्या था? क्या वाकई टेनिस अकादमी के कारण पिता और बेटी में विवाद था, या इसके पीछे कोई और गहरी वजह है? दीपक के दोस्त का कहना है कि हत्या का कारण निजी हो सकता है, लेकिन पुलिस अभी हर पहलू को खंगाल रही है।
एक परिवार का टूटता सपना
राधिका यादव एक उभरती हुई टेनिस खिलाड़ी थीं, जिनके सपनों को उनके पिता ने अपने खून-पसीने से सींचा था। लेकिन वही पिता आज उनकी हत्या के आरोपी हैं। यह कहानी न सिर्फ एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि यह समाज के सामने कई सवाल भी खड़े करती है। क्या पैसा, रिश्ते और महत्वाकांक्षाएं इस कदर टकरा सकती हैं कि एक पिता अपनी बेटी की जान ले ले? इस सवाल का जवाब शायद पुलिस की जांच पूरी होने के बाद ही मिलेगा।
तब तक यह मामला रहस्य, सवाल और दुख से भरा एक पहेली बना रहेगा।