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Wednesday, April 2, 2025

पक्षियों के लिए एक सकोरा पानी: जीवन रक्षा का संदेश

नई दिल्ली, 1 अप्रैल 2025, मंगलवार। गर्मियों का आगमन हो चुका है। सूरज की तपिश बढ़ती जा रही है और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से तापमान हर साल नई ऊंचाइयां छू रहा है। इस भीषण गर्मी में जहां हम इंसान पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसते हैं, वहीं हमारे नन्हे पंखधारी मित्र—पक्षी—भी पानी के संकट से जूझते हैं। लेकिन क्या हमने कभी सोचा कि उनकी इस मुश्किल को कम करने में हम भी योगदान दे सकते हैं? केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस दिशा में एक प्रेरणादायक कदम उठाया है, जो हम सभी के लिए एक सबक है।

हर साल की तरह इस बार भी श्री चौहान ने स्मार्ट पार्क में पक्षियों के लिए सकोरे रखे, ताकि गर्मी के दिनों में उन्हें पीने का पानी मिल सके। यह छोटा सा प्रयास न केवल पक्षियों के जीवन को बचाने का माध्यम है, बल्कि यह भी याद दिलाता है कि जल ही जीवन है। उनकी यह पहल सिर्फ एक शुरुआत है, जिसे अब जीवतासा फाउंडेशन जैसे संगठन पूरे जोश के साथ आगे बढ़ा रहे हैं।

सकोरे बने पक्षियों के जीवनदाता

जीवतासा संगठन के स्वयंसेवक बरसों से पेड़ों पर सकोरे लगाने का अभियान चला रहे हैं। इन मिट्टी के सकोरों में पानी भरा जाता है, जो गर्मी की तपती दोपहर में पक्षियों के लिए संजीवनी बन जाता है। जब आसमान से आग बरस रही होती है और तालाब-नदियां सूखने लगती हैं, तब ये सकोरे पक्षियों को नया जीवन देते हैं। यह नजारा कितना सुकून भरा होता है, जब कोई चिड़िया अपनी छोटी सी चोंच से सकोरे का पानी पीकर तृप्त होकर उड़ान भरती है!

यह सिर्फ एक संगठन की जिम्मेदारी नहीं

श्री चौहान का कहना सटीक है कि यह काम अकेले किसी एक संगठन का नहीं, बल्कि हम सबकी साझा जिम्मेदारी है। पक्षी, पशु, कीट-पतंगे—ये सभी इस धरती के उतने ही हकदार हैं, जितने हम। फिर क्यों न हम अपने घरों में, आंगनों में, छतों पर एक सकोरा पानी रखें? यह छोटा सा कदम न केवल प्रकृति के प्रति हमारी संवेदनशीलता को दर्शाएगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी सहअस्तित्व का पाठ पढ़ाएगा।

आप भी बनें इस मुहिम का हिस्सा

शिवराज सिंह चौहान की यह अपील दिल को छूती है। वह कहते हैं, “जीवतासा संगठन को धन्यवाद, लेकिन यह हम सबका काम है। आइए, हम भी आगे आएं।” तो क्यों न हम इस गर्मी में एक संकल्प लें? एक सकोरा पानी का—जो न सिर्फ पक्षियों की प्यास बुझाए, बल्कि हमें भी मानवता और प्रकृति प्रेम का एहसास कराए। यह धरती हमारी ही नहीं, उनकी भी है।

क्या आप तैयार हैं इस नेक काम में हाथ बंटाने के लिए? एक सकोरा, थोड़ा सा पानी, और आपका बड़ा दिल—बस इतना ही चाहिए। आइए, मिलकर पक्षियों के लिए आसमान को फिर से नीला बनाएं!

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