चीन की बढ़ती आक्रामकता पर काबू करने व इस खतरे से निपटने के लिए अमेरिका में मांग उठने लगी है। रिपब्लिकन पार्टी के दो प्रभावशाली सीनेटरों ने राष्ट्रपति जो बाइडन को लिखे पत्र में मांग की है कि वे चीन को लेकर बड़ी रणनीति बनाएं।
अमेरिकी सीनेटर जिम रिश और मिट रोमनी ने गुरुवार को लिखे पत्र में कहा कि बाइडन प्रशासन पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के खिलाफ व्यापक रणनीति तैयार करे। इस पत्र की प्रतिलिपि मीडिया में जारी की गई है। इसमें अमेरिकी सांसदों ने कहा कि अमेरिका को चीन की बेरोकटोक आक्रामकता को रोकने के लिए तेजी से कदम उठाना चाहिए।
भारत, जापान व ताइवान को लेकर चीन की बढ़ती आक्रामकता का जिक्र
अमेरिकी सीनेटरों ने पत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता के उदाहरण भी दिए हैं। उन्होंने लिखा कि चीन ने सैन्य और परमाणु शस्त्रों का निर्माण तेज किया है। समुद्री क्षेत्र में नेविगेशन की आजादी का उल्लंघन करने के साथ भारत और जापान के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाया। पत्र में ताइवान के प्रति लगातार चीन के लगातार बढ़ते आक्रामक रवैये और ताकत के दम पर इसे फिर से चीन में मिलाने की मंशा का उल्लेख है। पत्र में चीन में उइगर मुस्लिमों और हांगकांग के लोगों के क्रूर दमन, दक्षिण चीन सागर में बढ़ती सैन्य गतिविधियों, उग्र आर्थिक गतिविधियों का भी जिक्र है।
स्पीकर पेलोसी की यात्रा के जवाब में दागी मिसाइलें, अमेरिका को चुनौती
सीनेटरों ने पत्र में अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के जवाब में चीन द्वारा बैलिस्टिक मिसाइलें दागने और ताइवान को घेरने जैसी आक्रामक कार्रवाई का भी उल्लेख किया है। उन्होंने बाइडन से कहा कि यह ताइवान को लेकर अमेरिकी नीति और मुक्त और खुले भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता को कमजोर करने की कोशिश है।
बाली में हुई थी बाइडन-जिनपिंग मुलाकात
अमेरिकी सांसद रोमनी और रिश ने यह पत्र तब लिखा है जब इंडोनेशिया के बाली में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति बाइडन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई है। यह दोनों नेताओं की पहली व्यक्तिगत मुलाकात थी। चीन को लेकर बाइडन प्रशासन के रवैये की आलोचना करते हुए दोनों सांसदों ने कहा कि अमेरिका ने आज तक सुस्त, अस्थाई और काफी हद तक अप्रभावी प्रतिक्रिया दी है। दूसरी ओर चीन सोची समझी व सावधानी से तैयार की गई योजनाओं का पालन करता है।