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Sunday, July 6, 2025

संकटमोचक बने राजस्थान पुलिस के मुखिया,गहलोत सरकार ने किया था पाकिस्तान के षड्यंत्र का खुलासा

राजस्थान में चल रही सियासी हलचल के बीच गहलोत सरकार ने साल 1989 बैच के आईपीएस उमेश मिश्रा को नया डीजीपी बना दिया है। गुरुवार देर रात 12 बजे के बाद कार्मिक विभाग की ओर से यह आदेश जारी किया गया। गहलोत सरकार के लिए डीजीपी की नियुक्ति बेहद अहम मानी जा रही है। ऐसी चर्चा थी कि जोधपुर से आने वाले आईपीएस और एसीबी के डीजी को डीजीपी बनाया जा सकता है।

बता दें कि राजस्थान सरकार से संघ लोक सेवा आयोग ने डीजीपी के लिए पैनल मांगा था। राजस्थान सरकार ने 10 से अधिक नाम यूपीएससी को भेजे थे, जिसके बाद नए डीजीपी के चयन के लिए दिल्ली में बैठक हुई थी। इस बैठक में मुख्य सचिव और डीजीपी सहित अन्य अधिकारी दिल्ली गए थे। ऐसा बताया जा रहा है कि आयोग ने तीन नाम फाइनल किए थे, जिसमें सीएम अशोक गहलोत ने उमेश मिश्रा के नाम पर सहमति जता दी।

यूपी के कुशीनगर के रहने वाले हैं नए डीजीपी…

एक मई 1964 को उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में जन्मे उमेश मिश्रा साल 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। अभी इंटेलिजेंस विभाग में डीजीपी पद पर तैनात हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेहद करीब हैं। छोटी-बड़ी सूचना देने के लिए दिन में कई बार सीएम से बात करते थे। सियासी संकट के बीच सरकार बचाने में संकटमोचक की तरह अहम भूमिका निभाई। भारतीय सेना में पाक के लिए जासूसी करने वाले सैन्य कर्मियों को भंडाफोड़ भी किया था। ब्यूरोक्रेसी में भी अच्छी पकड़ है। चूरू, भरतपुर और पाली जिले में एसपी रहे हैं।

ब्राह्मण वोट बैंक को साथ रखने की कवायद…

उमेश मिश्रा की नियुक्ति आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अहम मानी जा रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने डीजीपी जैसे अहम पद पर ब्राह्मण अधिकारी की नियुक्ति की है। इससे पहले ब्यूरोक्रेसी के सबसे बड़े मुख्य सचिव पर भी ब्राह्मण महिला अधिकारी उषा शर्मा को नियुक्त किया था। दरअसल, घनश्याम तिवारी के बीजेपी में शामिल होने के बाद से ही अशोक गहलोत ब्राह्मण वोट बैंक को साधने में लगे हैं। तिवारी के बीजेपी में जाने से कांग्रेस को प्रदेश का एक बड़ा समुदाय हाथ से जाता दिख रहा था। ऐसे में सरकार ने सूबे के प्रमुख पदों पर ब्राह्मण अधिकारी बैठाकर बड़ा वोट बैंक अपने पक्ष में किया है।

मिश्रा से आगे थे चार सीनियर अफसर…

पुलिस बेड़े में सबसे सीनियर अधिकारी को ही महकमे का मुखिया बनाए जाने की परंपरा रही है, लेकिन बीते कुछ समय से ऐसा नहीं हो रहा। अब सूबे के मुखिया अपनी पसंद के अधिकारी को ही विभाग का आलाकमान बना रहे हैं। उमेश मिश्रा की नियुक्ति में भी ऐसा ही हुआ है। उमेश मिश्रा से पहले साल 1988 बैच के चार सीनियर ऑफिसर हैं। आईपीएस पंकज कुमार सिंह वर्तमान में प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के डायरेक्टर जनरल हैं। आईपीएस भगवान लाल सोनी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक हैं। आईपीएस उत्कल रंजन साहू जेल विभाग के महानिदेशक हैं। इन तीनों के सेवा कार्यकाल में रिटायरमेंट का समय नजदीक आने से सरकार ने मिश्रा को कमान सौंपी है। साल 1989 बैच के भूपेंद्र कुमार दक भी शामिल हैं।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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