UnionBudget2021-22
ईमानदार करदाताओं को सशक्त बनाने के लिए वित्त मंत्रालय ने पिछले बजट में जो वादा किया था वो पूरा कर दिया है। 17 जनवरी को ट्वीट कर वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि कर व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से टैक्स पेयर चार्टर 13 अगस्त 2020 को लागू हो चुका है। इसी के साथ भारत यूके,स्पेन, इटली एवं ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की लिस्ट में शामिल हो गया जो करदाताओं के अधिकारों के लिए कानून बना चुके हैं।
इस चार्टर का लक्ष्य तकनीक का उपयोग करके करदाताओं में सरकार के प्रति विश्वास जगाना है। इसका मकसद करदाताओं को सहूलियत देना है। इसके जरिये टैक्स अनुपालन को आसान बनाया गया है। इससे रिफंड में तेजी लाई जाएगी एवं ईमानदार करदाताओं को फायदा होगा।
देश की विकास में बहुत बड़ा कदम : पीएम
इस चार्टर के तहत 3 सुविधाएं शुरू की गई हैं। इनमें फेसलेस असेसमेंट , फेसलेस अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर शामिल हैं। फेसलेस असेसमेंट और टैक्सपेयर्स चार्टर 13 अगस्त से लागू हो गए हैं। जबकि फेसलेस अपील की सुविधा 25 सितंबर से लागू होगी। पीएम मोदी ने टैक्सपेयर्स चार्टर पर कहा कि यह देश की विकास यात्रा में बहुत बड़ा कदम है।अब टैक्सपेयर को उचित, विनम्र और तर्कसंगत व्यवहार का भरोसा दिया गया है। यानी आयकर विभाग को अब टैक्सपेयर की गरिमा का संवेदनशीलता के साथ ध्यान रखना होगा।
टैक्स सलाहकार प्रतीक जैन ने भी इस चार्टर के विषय में अपनी राय दी। उन्होंने कहा, “यह काफी अच्छा प्रयास है। कर विभाग से लोगों को बहुत जल्दी प्रतिक्रिया मिल रही है और इसके सफल क्रियान्वयन के लिए जीएसटी विभाग भी कर विभाग की सहायता कर रहा है।”
टैक्स पेयर चार्टर के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु :
1.आयकर विभाग को सभी करदाताओं के साथ न्यायपूर्ण और तर्कसंगत रहना होगा
2.करदाता को ईमानदार मानना चाहिए , जब तक कि शक करने की कोई वजह ना हो
3.करदाता को अपील और रिव्यू की सुविधा मुहैया कराई जानी चाहिए
4.समय से हर प्रक्रिया का निपटारा करना आयकर विभाग की जिम्मेदारी है
5.करदाता की निजता का सम्मान करना चाहिए
6.समय से हर प्रक्रिया का निपटारा करना आयकर विभाग की जिम्मेदारी हो
7.शिकायत दर्ज कराने की व्यवस्था करना भी आयकर विभाग का काम है
8.करदाता से सही रकम लेनी चाहिए
यह चार्टर करदाता एवं करविभाग के बीच अविश्वास को दूर करेगा
यह चार्टर करविभाग के कार्यवाही में पारदर्शिता लाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास है। वित्त मंत्रालय बहुत समय से यह चार्टर लाने की कोशिश कर रहा था। भारत की जनसंख्या हर साल बढ़ती जा रही है लेकिन टैक्स बेस स्थिर है, जो भारत के लिए चिंता का विषय था। टैक्स विशेषज्ञ वेद जैन ने कहा, ” इस चार्टर के आने से करदाताओं और करविभाग के बीच जो अविश्वास की भावना है वह दूर होगी एवं लोग बेफिक्र होकर कर जमा करेंगे। कर विभाग लोगों के प्रश्नों पर तुरंत प्रतिक्रिया दे रहा है जो करदाताओं के लिए कर जमा करना बहुत आसान बना रहा है।”
वहीं आर्थिक पत्रकार शिशिर सिन्हा ने कहा कि यह चार्टर सिटीजन चार्टर से बिल्कुल अलग है। उनके अनुसार इसमें यह सुनिश्चित किया गया है करदाता एवं कर विभाग की जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बना रहे।इसके द्वारा सरकार ने लोगों को यह बताने की कोशिश की है कि उन्हें कर जमा करने से अब डरने की जरूरत नहीं है।