राजधानी के मंदिरों में शारदीय नवरात्र की धूम शुरू हो गई है। सवेरे से ही मंदिरों में भक्तों की कतारें लगना शुरू हो गई हैं। मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया है। मंदिरों के आसपास प्रकाश की उत्तम व्यवस्था की गई है। हालांकि इस बार भी नवरात्र महोत्सव पर कोरोना महामारी के चलते बड़े मंदिरों में सरकारी दिशा निर्देशों के अनुसार ही प्रवेश दिया जाएगा। इसके अलावा प्रसाद व भेंट चढ़ाने पर प्रतिबंध रहेगा।
राजधानी के तमाम मंदिरों में सोमवार सुबह मां के दरबार के पट खोलने के साथ नवरात्र महोत्सव की शुरूआत होगी। श्रद्धालुओं को मां की आराधना के लिए प्रवेश दिया जाएगा। झंडेवाला मंदिर के प्रवक्ता एनके सेठी के अनुसार सोमवार की सुबह श्रद्धालुओं को घरों में नवरात्रों में अखंड ज्योत जलाने के लिए मंदिर की अखंड ज्योत से ज्योतियां दी जाएंगी।
कालकाजी मंदिर में सुबह तीन बजे मंदिर में भगवती की पूजा अर्चना की जाएगी। मंदिर के महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तीन तरफ सेेे लाइनों की व्यवस्था की गई है। नवरात्रों में श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ होने के कारण मंदिर में किसी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। श्रद्धालु बाहर से ही भगवती के दर्शन करेंगे। महंत परिसर में शतचंडी यज्ञ होगा।
वहीं छतरपुर स्थित श्री आद्या कात्यायनी शक्तिपीठ मंदिर में नवरात्र महोत्सव में विशेष पूजा की जाएगी। यहां नवरात्र पर ही भगवती का दरबार खोला जाता है। इन तीनों मंदिरों में नवरात्र के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने आते हैं। महरौली स्थित योग माया मंदिर में भी नवरात्र महोत्सव मनाया जाएगा। बाहरी रिंग रोड स्थित काली माता मंदिर में नवरात्र की तैयारी पूरी कर ली गई है। हरिनगर स्थित संतोषी माता मंदिर में श्रद्धालु कतारबद्ध होकर देवी दर्शन करेंगे।